ट्रायल सफल, शिंकुला सुरंग का सर्वेक्षण आज
जागरण संवाददाता केलंग शिंकुला दर्रे में 12 हजार फीट की ऊंचाई पर प्रस्तावित सुरंग के श
जागरण संवाददाता, केलंग : शिंकुला दर्रे में 12 हजार फीट की ऊंचाई पर प्रस्तावित सुरंग के लिए शुक्रवार को हवाई सर्वेक्षण होगा। इसके लिए राष्ट्रीय राजमार्ग एवं अधोसंरचना विकास प्राधिकरण सभी तैयारियां पूरी कर ली है। सर्वेक्षण के लिए वीरवार सुबह चिनूक हेलीकाप्टर सतींगरी हेलीपैड (केलंग) पहुंचा। डेनमार्क व गुजरात के इंजीनियर बुधवार शाम को ही केलंग पहुंच गए थे।
वीरवार को 500 किलो वजनी एंटीना को हेलीकाप्टर में लगाया और केलंग व आसपास के क्षेत्र में एयरबोर्न इलेक्ट्रोमैग्नेटिक (एईएम) सर्वेक्षण किया गया। यह सफल रहा है अब शुक्रवार को इंजीनियर एंटीना से जांस्कर रेंज में 600 मीटर गहराई तक भूगर्भीय सर्वेक्षण करेंगे। केंद्र सरकार शिंकुला दर्रे में प्रस्तावित 13.5 किलोमीटर सुरंग के निर्माण के लिए गंभीर है। इससे कारगिल सहित लेह लद्दाख को 12 महीने मनाली से जोड़ा रखा जा सकेगा। राष्ट्रीय राजमार्ग एवं अधोसंरचना विकास प्रधिकरण के डीजीएम अनिल ने बताया कि वीरवार को सतींगरी हेलीपैड में वायुसेना का चिनूक हेलीकॉप्टर पहुंचा। इसके बाद आसपास के क्षेत्र में ट्रायल किया गया तथा शुक्रवार को शिंकुला दर्रे का हवाई सर्वेक्षण किया जाएगा।
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कारगिल तक पहुंचना होगा आसान
शिंकुला दर्रे पर बनने वाली सुरंग से कारगिल तक पहुंचना और आसान हो जाएगा। इस सुरंग से केंद्रीय शासित प्रदेश लेह लद्दाख भी 12 माह मनाली से जुड़ा रहेगा। सुरंग के बनने से सबसे अधिक फायदा कारगिल व जांस्कर घाटी को मिलेगा। वाहन सीधा मनाली से दारचा व शिंकुला सुरंग से होते हुए जांस्कर घाटी में प्रवेश करेंगे। राष्ट्रीय राजमार्ग एवं अधोसंरचना विकास प्राधिकरण की मानें तो 12 हजार फीट पर बनने वाली 13.5 किलोमीटर लंबी सुरंग तीन-चार साल में बन जाएगी।