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बीआरओ ने विधिवत पूजा के बाद शुरू की मनाली-लेह मार्ग बहाली, रिकॉर्ड समय में खुलेगा रोहतांग दर्रा

BRO Start Work सामरिक दृष्टि से महत्वपूर्ण मनाली-लेह मार्ग की बहाली वीरवार को विधिवत पूजा अर्चना के साथ शुरू हो गई।

By Rajesh SharmaEdited By: Published: Thu, 20 Feb 2020 01:18 PM (IST)Updated: Thu, 20 Feb 2020 01:18 PM (IST)
बीआरओ ने विधिवत पूजा के बाद शुरू की मनाली-लेह मार्ग बहाली, रिकॉर्ड समय में खुलेगा रोहतांग दर्रा
बीआरओ ने विधिवत पूजा के बाद शुरू की मनाली-लेह मार्ग बहाली, रिकॉर्ड समय में खुलेगा रोहतांग दर्रा

मनाली, जेएनएन। सामरिक दृष्टि से महत्वपूर्ण मनाली-लेह मार्ग की बहाली वीरवार को विधिवत पूजा अर्चना के साथ शुरू हो गई। बीआरओ दीपक परियोजना के चीफ इंजीनियर ब्रिगेडियर एमएस बाघी ने मनाली से 26 किलोमीटर दूर राहला फाल में पूजा अर्चना कर मार्ग बहाली को हरी झंडी दी। उन्होंने बीआरओ के जवानों का हौंसला भी बढ़ाया। मार्ग बहाली को हरी झंडी देने के बाद पत्रकारों से बातचीत करते हुए बाघी ने कहा कि सभी परिस्थितियां ठीक रही तो बीआरओ अप्रैल के अंत तक मनाली को लेह से जोड़ देगा।

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उन्होंने कहा हालांकि अभी बर्फ कम है। लेकिन मार्च महीना साथ दे गया तो अप्रैल के पहले सप्ताह तक रोहतांग दर्रा भी बहाल कर लिया जाएगा। उन्होंने कहा बीआरओ ने इस बार फरवरी में ही बर्फ हटाने का काम शुरू कर दिया है। साथ ही पहली बार बीआरओ ने अपने खेमे में एक एक अत्याधुनिक डोजर व स्नो कटर शामिल किया है, जिससे इस बार सड़क से बर्फ हटाने का काम जल्दी ही पूरा कर लिया जाएगा। चीफ ने कहा बीआरओ युद्धस्तर पर काम करेगा और जल्‍द से जल्‍द लाहुल को मनाली से जोड़ेगा।

बीआरओ कमांडर कर्नल उमा शंकर ने बताया कि वीरवार को मनाली से रोहतांग तथा दारचा से बारालाचा की ओर सड़क बहाली शुरू हुई है। एक सप्ताह के भीतर बीआरओ कोकसर से भी रोहतांग की ओर कूच करेगा। कमांडर ने बताया कि उनके जवान बुलंद हौंसलों के साथ मार्ग बहाली में जुट गए हैं।

सैलानी अप्रैल में ही कर सकेंगे रोहतांग का दीदार

सैलानी इस बार जल्द ही रोहतांग दर्रे के दीदार कर सकेंगे। बीआरओ के रोहतांग दर्रा बहाल करते ही दो सप्ताह के भीतर पर्यटक भी रोहतांग जा सकेंगे। इस साल बर्फ़ पिछले साल की अपेक्षा कम है। बताया जा रहा है रोहतांग दर्रे के अलावा आसपास ज्‍यादा बर्फ नहीं टिकी है। इसका कारण कच्‍ची बर्फ का गिरना भी माना जाता है। जनवरी के बाद गिरने वाली बर्फ को कच्‍चा माना जाता है व वह जल्‍दी पिघल जाती है।


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