भुंतर से हाथीथान तक सफर जोखिम भरा
भुंतर से लेकर हाथीथान तक सफर बेहद जोखिम भरा हो गया है। आलम यह
संवाद सहयोगी, कुल्लू : भुंतर से लेकर हाथीथान तक सफर बेहद जोखिम भरा हो गया है। आलम यह है कि सड़क में जगह-जगह गड्ढे पड़े हुए हैं। ये गड्ढे हादसों को न्योता देते प्रतीत हो रहे हैं। इस कारण स्थानीय वाहन चालकों सहित सैलानियों को परेशानी झेलनी पड़ रही है।
स्थानीय लोगों हेमलता ठाकुर, मनोज शर्मा, संदीप, कृष्णा, कविता ठाकुर, राहुल सहित पारला भुंतर के दुकानदार, दौलत राम, मुनीष कौंडल, धनश्याम, ऋषि शर्मा व रमेश कुमार का कहना है कि बारिश के दौरान सड़क में पड़े गड्ढों में पानी भरने से वाहन चालकों को दिक्कतें होती हैं। गड्ढे का पता न चलने से कई बार वाहनों को नुकसान भी पहुंचा है। हालात यह है कि भुंतर से लेकर हाथीथान तक नेशनल हाइवे गड्ढों में तबदील हो चुका है। वाहनों की आवाजाही अधिक व मरम्मत न हो पाने के कारण मार्ग की हालत औ खस्ता हो गई है। इस पर पैदल चलना भी मुश्किल हो गया है।
भुंतर से हाथीथान सड़क अब एनएचएआई के अधीन है और सड़क की खस्ताहालत होने पर भी कोई भी इसकी सुध नहीं ले रहा है। भुंतर-हाथीथान मार्ग पर हर दिन सैकड़ों हल्के व भारी वाहनों की आवाजाही होती है। कोई भी इस मार्ग की दयनीय स्थिति को सुधारने के लिए कदम नहीं उठा रहा है। हैरानी की बात तो यह है लोक निर्माण विभाग के अधिकारियों, प्रशासनिक अधिकारियों की गाड़ियों का आना-जाना भी इसी मार्ग से लगा रहता है फिर भी विभाग इस मार्ग सुधारने की सुध नहीं ले रहा है।
इस सड़क पर पेट्रोल पंप के समीप दोनों तरफ कबाड़ फेंका गया है। सरिया सहित अन्य कबाड़ के सड़क के दोनों ओर पड़े होने से हमेशा दुर्घटना का अंदेशा बना रहता है।
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इस मार्ग की दशा सुधारने के लिए एनएचएआइ के उच्चाधिकारियों से बात की गई है। शीघ्र ही मार्ग की हालत नहीं सुधारी गई तो कानूनी विकल्प अख्तियार किया जाएगा।
-सुंदर ¨सह ठाकुर, विधायक कुल्लू सदर।