कुल्लू में बेबस आंखों के सामने आशियाने राख, छह परिवार बेघर
Fire in Kullu. कुल्लू के बरशांघड़ गांव अग्निकांड दो घरों में आग लगने से छह परिवार बेघर हो गये, ये घर काष्ठकुणी शैली में बने हुए थे।
कुल्लू, जेएनएन। बेबस आंखों के सामने आशियाने खाक होते रहे। चाहते हुए भी आग की दहकती लपटों से घरों को नहीं बचा पाए। बरशांघड़ गांव में हुए अग्निकांड ने दो घरों के छह परिवार बेघर कर दिए। दो मकानों को आंशिक नुकसान हुआ है, जिससे पांच परिवार प्रभावित हुए हैं। अग्निकांड में एक करोड़ रुपये से ज्यादा का नुकसान हुआ है। आग देखते ही भीषण रूप धारण कर गई, इसका बड़ा कारण सभी घरों का काष्ठकुणी शैली में बना होना रहा।
हर वर्ष कुल्लू जिला में अग्निकांड की ऐसी घटनाएं हो रही हैं, जिन्हें शायद ही ग्रामीण भूल पाएं। शनिवार रात को बंजार उपमंडल के सैंज घाटी के बरशाघड़ गांव में स्थानीय देवता सरू नाग के नवनिर्मित मंदिर में सबसे पहले आग लगी। इसके बाद आग ने पूरे गांव को अपनी चपेट में ले लिया। यहां पर गांव में मकान सटे होने के कारण ज्यादा खतरा बना हुआ था। लेकिन ग्रामीणों की सूझबूझ से लोगों ने साथ लगते मकान को स्वयं ही गिरा दिया, जिससे अन्य मकान बच गए। आग की घटना से मंदिर देवता का तीर्थ जलकर राख हो गया। निर्माणाधीन इस मंदिर का 70 फीसद कार्य पूरा हो गया था। देव कारकून जल्द ही इस मंदिर का प्रतिष्ठा समारोह भी करवाने जा रहे थे। लेकिन ऐन मौके पर भयंकर अग्निकांड ने सब स्वाह कर दिया। घटना के दौरान इलाके में अफरा-तफरी का माहौल बना रहा। गांव के लोग आग को बुझाने में जुटे रहे। घटना के पीछे बिजली के शॉर्ट सर्किट को वजह बताया जा रहा है।
अग्निकांड पीड़ितों को दी फौरी राहत
बंजार के एसडीएम एमआर भारद्वाज ने बताया इस अग्निकांड से कुल 11 परिवार प्रभावित हुए हैं। पूरी तरह जल चुके दो मकानों में रहने वाले 6 परिवार माघू राम, तारा देवी, लेदराम, चुन्नी लाल, कमला देवी और लगन चंद को 30-30 हजार रुपये की फौरी राहत के साथ-साथ दो महीने का राशन, कंबल, तिरपाल, टेंट व अन्य आवश्यक सामग्री प्रदान की गई है। दो अन्य क्षतिग्रस्त मकानों में रहने वाले पांच परिवारों को भी पांच-पांच हजार की फौरी राहत दी गई है। इनमें ऐले राम, रोशन लाल, रमेश चंद, शेर ¨सह और गोपी चंद शामिल हैं।
2015 में जल गए थे पांच मंदिर
वर्ष 2015 कोटला अग्निकांड में पांच देवी देवताओं के मंदिर पूरी तरह जल गए। अग्निकांड में बड़ा छमाउं का पांच मंजिला भव्य मंदिर, धामणी छमाउं का तीन मंजिला, धामणी छमाहुं का भंडार गृह जला। भुउणी देवता का दो मंजिला, दना देवता व पटारणु देवता का मंदिर जलकर राख के ढेर में तबदील हो गए।
कब-कब हुए बड़े अग्निकांड :
2005 : शीलहा गांव में 80 के करीब घर आग की भेंट चढ़े थे
2005 : शांघड़ में शंगचुल महादेव के मंदिर सहित 13 मकान राख हो गए थे।
2007 : बंजार के मोहनी गांव में 48 घर जल गए थे।
2008 : मलाणा में हुए अग्निकांड में बीस से ज्यादा घर जल गए थे।
2015 : कोटला गांव में 40 घर जलकर राख हो गए। पूरा गांव राख के ढेर में बदल गया था।