Move to Jagran APP

यहां पांच महीने दिखता है बर्फ का शिवलिंग, दर्शन मात्र करने से पूर्ण होती है इच्छा

shivaling. यहां एक ऐसा शिवलिंग है, जहां देश-विदेश के सैलानी बर्फ के शिवलिंग के दर्शन करने आते हैं। इसके दर्शन पांच महीने तक किए जा सकते हैं।

By Sachin MishraEdited By: Published: Tue, 22 Jan 2019 05:59 PM (IST)Updated: Tue, 22 Jan 2019 06:03 PM (IST)
यहां पांच महीने दिखता है बर्फ का शिवलिंग, दर्शन मात्र करने से पूर्ण होती है इच्छा
यहां पांच महीने दिखता है बर्फ का शिवलिंग, दर्शन मात्र करने से पूर्ण होती है इच्छा

जसवंत ठाकुर, मनाली। ऐसे तो भारत में बहुत से शिवलिंग हैं और भोले के भक्त दर्शन के लिए कहीं भी जाने को तैयार रहते हैं। लेकिन देवभूमि हिमाचल के मनाली में एक ऐसा शिवलिंग है, जहां देश-विदेश के सैलानी बर्फ के शिवलिंग के दर्शन करने आते हैं। इस शिवलिंग की खासियत यह है कि इसके दर्शन पांच महीने तक किए जा सकते हैं।

loksabha election banner

मनाली के सोलंगनाला स्थित अंजनि महादेव दुनिया का सबसे बड़ा बर्फ का प्राकृतिक शिवलिंग माना जाता है। अंजनि महादेव में पारा माइनस में जाते ही यहां शिवलिंग का आकर बनना शुरू हो जाता है और फरवरी में शिवरात्रि के दौरान आकार 35 फीट से भी अधिक ऊंचा हो जाता है।

प्राकृतिक तौर पर बनने वाले इस शिवलिंग की ऊंचाई देख हर कोई हैरान होता है। इन दिनों इस शिवलिंग का आकार 15 फीट ऊंचा हो गया है। शिवलिंग को अंजनि महादेव के नाम से जाना जाता है। बर्फ के इस शिवलिंग का आकार जनवरी, फरवरी व मार्च महीने में 20 से 35 फीट तक पहुंच जाता है।

नियमित रूप से गिर रहे प्राकृतिक झरने से बन रहा शिवलिंग

अंजनि महादेव से नियमित रूप से पानी का झरना गिर रहा है, जो गिरते ही बर्फ बनकर शिवलिंग का रूप धारण कर रहा है। शिवलिंग का आकार बढ़ता जाएगा। सर्दियों में देशी-विदेशी सैलानियों की पहली पसंद रहने वाले अंतरराष्ट्रीय पर्यटक स्थल सोलंग के अंजनि महादेव में इन दिनों बर्फ के शिवलिंग का आकार आकर्षक हो गया है। तापमान शून्य से नीचे पहुंचते ही शिवलिंग के आकार में बढ़ोतरी होना शुरू हो गई है।

साढ़े 11 हजार फीट ऊंचाई पर बना है शिवलिंग

मनाली से 25 किलोमीटर दूर सोलंगनाला के पास अंजनि महादेव में यह प्राकृतिक शिवलिंग साढ़े 11 हजार फीट की ऊंचाई पर है। इन दिनों ऊंचे शिवलिंग को देखने के लिए पर्यटक व श्रद्धालु जान जोखिम में डालकर पहुंच रहे हैं। शिवरात्रि को यहां शिवलिंग का आकार 35 फीट से अधिक ऊंचा हो जाएगा।

रोहतांग दर्रे के बाद अंजनि महादेव है सैलानियों की पसंद

13 हजार फीट ऊंचे रोहतांग दर्रे के बाद धार्मिक महानता के कारण अंजनि महादेव सैलानियों का दूसरा पसंदीदा पर्यटन स्थल है। दिसंबर से अप्रैल या मई तक तो यहां पर्यटकों व श्रद्धालुओं का तांता लगा रहता है। गर्मियों में भी सैलानी रोहतांग घूमने के बाद इस धार्मिक स्थल में दस्तक देना नहीं भूलते।

यहां हर मनोकामना होती है पूरी

मान्यता है कि इस शिवलिंग के दर्शन से हर मनोकामना पूर्ण हो जाती है। श्री अमरनाथ बाबा बर्फानी से भी ज्यादा बड़ा व ऊंचा शिवलिंग यहां बनता है। मान्यताओं के अनुसार, त्रेता युग में माता अंजनि ने पुत्र प्राप्ति व मुक्ति पाने के लिए तपस्या की थी और भगवान शिव ने दर्शन दिए थे। तभी से यहां पर प्राकृतिक तौर पर बर्फ का शिवलिंग बनता है।

सजता है राजाओं का दरबार

पलचान पंचायत के प्रधान एवं राजा घेपन के गूर सुंदर ठाकुर का कहना है मान्यता अनुसार यहां देवताओं का हर रात दरबार सजता है। सभी श्रद्धालु भगवान शिव सहित अन्य देवता गणों की आवाज को महसूस कर सकते हैं।

बर्फ के बीच नंगे पांव सफर 

खास बात यह है कि बर्फ के बीच अंजनि महादेव के नंगे पांव चलकर दर्शन किए जाते हैं और श्रद्धालुओं को यह बर्फ नुकसान नहीं पहुंचाती है। ठाकुर ने बताया करीब डेढ़ सौ मीटर तक बर्फ के बीच चलकर श्रद्धालु प्राकृतिक शिवलिंग तक पहुंचते हैं। दैवीय चमत्कार ही है कि बर्फ में नंगे पांव चलने से भी श्रद्धालुओं को कोई नुकसान नहीं होता।

पांच किलोमीटर पैदल सफर

शिवलिंग तक पहुंचने का मार्ग बस व टैक्सी द्वारा बाहरी राज्यों ने मनाली पहुंचा जा सकता है। मनाली से सोलंगनाला तक का 15 किलोमीटर का सफर टैक्सी से कर सकते हैं। सोलंगनाला से अंजनि महादेव तक पांच किलोमीटर का सफर पैदल या घोड़ों से तय किया जा सकता है।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.