Rohtang tunnel : रोहतांग सुरंग से 500 लोग हुए आर-पार, प्रशासन के छूटे पसीने
Rohtang tunnel भारी बर्फबारी के बाद रोहतांग सुरंग से करीब 500 लोगों को आर-पार किया गया हर कोई घर जाने को बेताब था।
मनाली, जेएनएन। Rohtang tunnel रोहतांग सुरंग एक बार फिर बर्फबारी के बाद लाहुल व कुल्लू में फंसे लोगों के लिए राहत लेकर आई। शनिवार को कृषि मंत्री डॉ. रामलाल मार्कंडेय व बीआरओ चीफ केपी पुरुसोथमन के साथ हुई बैठक के बाद रविवार को रोहतांग सुरंग से करीब 500 लोग हुए आर-पार हुए। लाहुल से कुल्लू-मनाली तथा कुल्लू से लाहुल जाने वाले लोगों की भीड़ लगने पर थोड़ी देर के लिए प्रशासन के पसीने निकल गए।
हर कोई घर जाने को बेताब दिखा। इस पर एसडीएम मनाली रमन घरसंगी ने मोर्चा संभाला और लोगों को समझाकर सुरंग से गंतव्य तक भेजा। उधर, पूर्व विधायक रवि ठाकुर लोगों को जाने की अनुमति नहीं मिलने पर स्वयं मौके पर गए और बीआरओ से लोगों को भेजने का आग्रह किया। बीआरओ ने उनके आग्रह पर कुछ और गाड़ियों में लोगों को जाने की अनुमति दी।
लाहुल निवासी प्रवीण, राहुल, दोरजे, सोनम, अंकित व पलजोर ने विपदा की इस घड़ी में सुरंग से जाने की अनुमति देने पर बीआरओ के अधिकारियों, चीफ इंजीनियर केपी पुरुसोथमन सहित मंत्री डॉ. रामलाल मार्कंडेय व पूर्व विधायक रवि ठाकुर का आभार जताया। उन्होंने कहा कि सरकार व बीआरओ की इस पहल से सैकड़ों लोगो को राहत मिली है। कृषि मंत्री डॉ रामलाल मार्कंडेय ने कहा कि सरकार लोगों की यथासंभव मदद कर रही है।
रोहतांग सुरंग से आने जाने की व्यवस्था करवाने के साथ दर्रे की बहाली भी की जा रही है। शीघ्र ही घाटी में जनजीवन सामान्य हो जाएगा। उन्होंने लोगों से धैर्य व संयम से काम लेने की बात कही। लोगों की दिक्कतों को ध्यान में रखकर प्रशासन व सरकार बेहद व गंभीर कदम उठाकर आगे बढ़ रही है।
दो किलोमीटर सड़क से बर्फ हटाना शेष
रोहतांग दर्रे की बहाली मात्र दो किलोमीटर शेष रह गई है। मिशन रोहतांग पर डटे बीआरओ को रविवार को भी दर्रा बहाल करने में कामयाबी हासिल नहीं हुई है। दर्रे पर पड़ी बर्फ जहां बीआरओ के लिए चुनौती बनी हुई है, वहीं दर्रे पर करीब दो किलोमीटर सड़क से बर्फ हटाना बीआरओ के लिए शेष बचा है। बीआरओ सोमवार को दर्रा बहाल कर देगा। हलांकि सीमा सड़क संगठन के जवानों ने दर्रे को बहाल करने का लक्ष्य रविवार का रखा था लेकिन दर्रे पर उम्मीद से ज्यादा बर्फबारी होने से यहां बीआरओ के लिए नई चुनौतियां पैदा हो गई हैं।
पिछले पांच दिन से दर्रे पर वाहनों की आवाजाही ठप पड़ी हुई है। ऐसे में लाहुल के लोगों की दिक्कतें भी बढ़ गई हैं। रोहतांग दर्रे पर यातायात व्यवस्था बहाल न होने के कारण लाहुल में जनजीवन अस्त व्यस्त हो गया है। दर्रे के बंद होने से सैंकड़ों लोग जहां घाटी में फंसे हुए हैं, वहीं लाहुल के बागबानों का करोड़ों रुपयों की सेब की फसल भी लाहुल में ही अटक गई है। ऐसे में रोहतांग की बहाली का इंतजार कर रहे बागवान बीआरओ की हर गतिविधि पर नजर रखे हुए है।
बीआरओ ने दर्रे के अधिकतर हिस्से से बर्फ को हटा दिया है। बीआरओ मिशन रोहतांग को फतेह करने से चंद कदम दूर है। रोहतांग दर्रे के बहाल होने का इंतजार जहां लाहुल बेसब्री से कर रहा है, वहीं दर्रे के दोनों तरफ गत पांच दिनों से फंसे कबालियों को अब सोमवार का इंतजार है। बीआरओ के कमांडर कर्नल उमा शंकर का कहना है कि मौसम साफ रहा तो सोमवार को दर्रा बहाल हो सकता है।
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