अब तक अढ़ाई लाख से अधिक लोगों को योग सीखा चुके हैं रंजीत
त्रिगर्त दिव्य योग आश्रम पुराना कांगड़ा को वर्ष 2020 का श्रेष्ठ संस्थान अवार्ड दिलाने में संस्थान के योग गुरु रंजीत सिंह का प्रमुख योगदान है। जिला कांगड़ा ही नहीं अपितु समस्त प्रदेश के लिए ये गौरव का विषय है।
कांगड़ा, जेएनएन। त्रिगर्त दिव्य योग आश्रम पुराना कांगड़ा को वर्ष 2020 का श्रेष्ठ संस्थान अवार्ड दिलाने में संस्थान के योग गुरु रंजीत सिंह का प्रमुख योगदान है। जिला कांगड़ा ही नहीं अपितु समस्त प्रदेश के लिए ये गौरव का विषय है।
जन -कल्याण व मानव -उत्थान को ध्येय मानने वाले पेशे से हिमाचल प्रदेश विद्युत विभाग में बतौर इलेक्ट्रीशियन कार्यरत योगी रंजीत सिंह आज किसी परिचय के मोहताज नहीं है। मात्र 30 वर्ष की आयु में ही जिस लग्न, कर्म निष्ठा के वशीभूत होकर उन्होंने योग -पद्धति के सिद्धांत व व्यवहारिक दोनों पक्षों से समाज के प्रत्येक वर्ग को परिचित कराया है वह निश्चित रूप से सराहनीय व प्रशंसनीय है इसे देश व विदेशों में एक मुखर पहचान भी मिली है।
योगी रंजीत सिंह का जन्म 16 नवंबर 1990 को जिला कांगड़ा में हुआ। अपनी प्रारंभिक व व्यावसायिक पढ़ाई को फुटपाथ पर सब्जी बेचने के साथ पूरा किया और वर्ष 2011 में राज्य सरकार की नौकरी के साथ-साथ योग -विद्या का अभ्यास करते करते एक जानेमाने योग गुरु भी बन गए ।और 16 नवंबर 2015 को उन्होंने योग सेवा का निशुल्क कार्य भी शुरू कर दिया था
23 मार्च 2018 को दिल्ली में योगी रंजीत सिंह ने एक नए दौर की मुद्रा -चक्रासन में पुशअप्स (1 मिनट में 112) में पहला विश्व रिकॉर्ड बनाया और पूरी दुनिया में प्रसिद्ध हो गए और ऐसा रिकॉर्ड बनाने वाले पहले व्यक्ति भी बन गए। 9 जून 2018 को 1000 लोगों को जल नेति सिखाने का विश्व रिकॉर्ड भी उन्हीं के नाम पर है भिन्न-भिन्न योगिक कलाओं में कुल 59 विश्व रिकॉर्ड बनाए और अंतरराष्ट्रीय योग दिवस पर उन्हें माननीय मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर, राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय व ऊर्जा मंत्री अनिल शर्मा, शिक्षा मंत्री सुरेश भारद्वाज द्वारा सम्मानित भी किया गया है.
योग गुरु रंजीत ने अब तक अढ़ाई लाख से अधिक लोगों को योग सिखाया है जिसमें समाज ,केंद्र -राज्य प्रशासन का लगभग प्रत्येक वर्ग शामिल है।आज कोविड-19 जैसी वैश्विक महामारी के चलते अंतरराष्ट्रीय ऑनलाइन प्रतियोगिता करवा कर एक नया इतिहास भी इन्होंने रचा है इसे पूरे विश्व से हजारों लोगों नें प्रतिभागी बन कर ,घर में रहकर योग कर सुखी व सुरक्षित रहने का संदेश अपने मे आत्मसात किया। समय-समय पर बेस्ट कोच अवार्ड ,युवा कला भूषण अवार्ड से नवाजे गए योगी रंजीत ने हाल ही मे 20 दिसंबर को वेस्ट संस्थान अवार्ड त्रिगत दिव्य योग आश्रम कांगड़ा के नाम दर्ज करवाया ,यह भी इन्हीं की सुंदर उपलब्धियों में से एक है।
वर्तमान में योगी रंजीत सिंह कांगड़ा में त्रिगर्त योग आश्रम का संचालन कर रहे हैं । यहां लोगों को रोगों से निजात दिलाने के साथ योग सर्टिफिकेट कोर्स भी करवाए जाते हैं, युवाओं को भारतीय संस्कार भी दिए जाते हैं ।योगी रंजीत जी 10 मेगावाट क्षमता की गज़ विद्युत परियोजना बिजली बोर्ड धर्मशाला में भी सेवाएं देकर योग पूजा के साथ विद्युत ऊर्जा उत्पादन के कार्य में भी लगे हैं।