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तिब्बत की आजादी के लिए धर्मशाला में प्रदर्शन, यूएन से हस्तक्षेप की मांग

निर्वासित तिब्बत की महिलाओं ने 60वें महिला अपराइजिंग डे पर मैक्लोडगंज से धर्मशाला के कचहरी चौक तक रैली निकाल आजादी की मांग की।

By Rajesh SharmaEdited By: Published: Tue, 12 Mar 2019 03:30 PM (IST)Updated: Tue, 12 Mar 2019 03:30 PM (IST)
तिब्बत की आजादी के लिए धर्मशाला में प्रदर्शन, यूएन से हस्तक्षेप की मांग
तिब्बत की आजादी के लिए धर्मशाला में प्रदर्शन, यूएन से हस्तक्षेप की मांग

धर्मशाला, जेएनएन। निर्वासित तिब्बत की महिलाओं ने 60वें महिला अपराइजिंग डे पर मैक्लोडगंज से धर्मशाला के कचहरी चौक तक रैली निकाल आजादी की मांग की। कचहरी चौक में प्रर्दशन किया। सेंट्रल तिब्बतीयन वुमेन एसोसिएशन की अध्यक्ष डोलमा यंगचीन के नेतृत्व में निकाली गई रैली में समुदाय के बच्चे और महिलाएं भी शामिल रहीं।

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इस दौरान तिब्बतीयन वुमेन एसोसिएशन की क्षेत्रीय अध्यक्ष शेरिंग यांगजोम ने 60वें महिला अपराइजिंग डे पर तिब्बत की आजादी को लेकर छेड़े गए आंदोलन पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा भारत चीन का असली रवैया 1962 के युद्ध में देख चुका है। इसके अलावा भी चीन भारत को घेरने के लिए लगातार पड़ोसी राज्यों से संपर्क कर आतिक्रमण करने पर तुला हुआ है। उन्होंने कहा डोकलाम विवाद हो चाहे पूर्वी राज्यों का मसला चीन हमेशा से ही बड़ा रोड़ा बना हुआ है।

उन्होंने कहा कि तिब्बत पर अतिक्रमण कर चीन अपनी धौंस जमाने में लगा है, लेकिन धर्मगुरु दलाईलामा शांति के मार्ग पर चलकर तिब्बत को आजाद करवाने की लड़ाई लड़ रहे हैं, जो एक दिन कामयाब होगी। उन्होंने कहा दलाईलामा ने भारत में आकर तिब्बती संस्कृति को बचाए रखा है। उन्होंने संयुक्त राष्ट्र संघ से मांग की कि वे चीन पर दवाब बनाएं और तिब्बत की आजादी का रास्ता प्रशस्त करें।


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