कंगना को मिला नारी शक्ति का समर्थन
महाराष्ट्र सरकार का देवभूमि की बेटी कंगना रणौत का अपमान क
जागरण संवाददाता, धर्मशाला : महाराष्ट्र सरकार का देवभूमि की बेटी कंगना रणौत का अपमान करने और उनके कार्यालय को बीएमसी द्वारा गिराए के जाने पर जिला कांगड़ा की महिला शक्ति ने आक्रोश जताया है। उनका कहना है कि महिलाएं न केवल सम्मानीय हैं, बल्कि भावी पीढ़ी की कर्णधार भी हैं। कंगना की बात को दबाना महाराष्ट्र सरकार की बड़ी गलती भी है। शिवसेना के नेताओं ने जिस प्रकार की भाषा का प्रयोग फिल्म अभिनेत्री के लिए किया है वह निंदनीय है। बात कंगना ही नहीं है किसी भी महिला का अपमान सहन नहीं किया जा सकता है। दैनिक जागरण से बातचीत में इस मामले में उन्होंने कुछ इस प्रकार से प्रतिक्रिया दी। ---------------
कंगना रणौत हिमाचल की बेटी और अभिमान है। मुंबई में शिवसेना गठबंधन सरकार ने जो किया है वह निंदनीय है। बाला साहब ने तो शिवसेना के रूप में हिदू हित का मंदिर बनवाया था, पर अफसोस है कि सरकार ने ऐसा कार्य कर उनकी नींव हिला दी। महिलाएं न केवल सम्मानीय होती हैं, अपितु भावी पीढ़ी की कर्णधार भी हैं। उनका अपमान राष्ट्र का अपमान है। देश में हर व्यक्ति को अपने भाव प्रकट करने की स्वतंत्रता है। कंगना ने जिस साहस से अपनी बात रखी है उसे दबाने के लिए महाराष्ट्र सरकार ने उनसे अभद्र व्यवहार किया है। असंवैधानिक ढंग से कार्यालय को गिराया गया है। प्रदेश भाजपा महिला मोर्चा एवं समस्त जनता अपनी बेटी को इंसाफ दिलाने के लिए उनके साथ खड़ी है।
रंजू रस्तोगी, जिला अध्यक्ष, भाजपा महिला मोर्चा।
कंगना पर महाराष्ट्र में हुए अत्याचार पर राष्ट्रीय महिला आयोग और महाराष्ट्र महिला आयोग ने कड़ा संज्ञान लिया है। शिवसेना के नेताओं ने कंगना के प्रति गलत शब्दों का प्रयोग कर न केवल हिमाचल का अपमान किया है बल्कि राष्ट्र की समस्त नारी शक्ति की भी बेइज्जती की है। इसके लिए राष्ट्रीय महिला आयोग को कड़े कदम उठाने चाहिए। अभिनेत्री को गलत लोगों के खिलाफ आवाज उठाने के कारण प्रताड़ित किया जा रहा है। उन्होंने कड़ी मेहनत कर मुंबई में भवन बनाया है। उसे इस तरह से तोड़ना सरकार की मंशा पर अनेक सवाल खड़े करता है। सुशांत सिंह राजपूत की संदिग्ध मौत पर कंगना की उठाई आवाज को दबाने के लिए यह सब किया जा रहा है। मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर के आभारी हैं, जिनके प्रयास से गृह मंत्रालय ने कंगना को सुरक्षा उपलब्ध करवाई।
-मालविका पठानिया, महिला आयोग की पूर्व अध्यक्ष।
इस पूरे प्रकरण में महाराष्ट्र सरकार कठघरे में खड़ी है। उसने कंगना के साथ ऐसा व्यवहार कर अपनी छोटी सोच को दर्शाया है। सरकार ने हिमाचल की बेटी का ही नहीं, समस्त नारी जाति का अपमान किया है। इसके किसी कीमत पर सहन नहीं किया जाएगा। यहां बात एक अभिनेत्री ही नहीं बल्कि पूरे नारी समाज की गरिमा की है। सरेआम एक मशहूर अभिनेत्री के खिलाफ आपत्तिजनक शब्दों का इस्तेमाल करना और फिर प्रतिशोध की भावना से उनके कार्यालय पर जेसीबी चलाना किसी भी सूरत में सही नहीं है।
-रीना चौधरी, महामंत्री भाजपा महिला मोर्चा।
कंगना सच्चाई की लड़ाई लड़ रही हैं और हिमाचल की सभी बहनें इस मुश्किल की घड़ी में उनके साथ हैं। महाराष्ट्र सरकार ड्रग माफिया पर शिकंजा कसने के बजाय एक महिला के साथ दुर्व्यवहार कर रही। कंगना ने अपने व्यक्तित्व के अनुरूप सच बोलने का साहस दिखाते हुए बॉलीवुड का काला सच सबके सामने रखा है। यही कारण है जो भी इस काली दुनिया के सरगना हैं वे तिलमिला उठे हैं। अब कभी कंगना को अपशब्द कहे जा रहे हैं और फिर उनके दफ्तर को तोड़ दिया गया है। शिवसेना नेता संजय राउत की गलत बयानबाजी से हर महिला को ठेस पहुंची है। महाराष्ट्र की सरकार को यह भी सोच लेना चाहिए कि तख्त पलटने में ज्यादा समय नहीं लगता है।
विजया ठाकुर, भाजपा जिला सचिव एवं आइटी प्रभारी कांगड़ा।