Bilaspur News: बिलासपुर में महिला बोली- न्याय न मिला तो पांच अक्टूबर को परिवार के साथ कर लूंगी आत्मदाह
Bilaspur News राजस्व विभाग के दरवाजे पर न्याय की गुहार लगाने के बाद भी न्याय न मिलने पर मिला महिला ने पांच अक्टूबर को आत्मदाह करने की चेतावनी दे डाली है। महिला का कहना है कि उनके मुख्य रास्ते को कंटीली तार लगाकर बंद कर दिया है।
बिलासपुर, संवाद सहयोगी। Bilaspur News, राजस्व विभाग के दरवाजे पर न्याय की गुहार लगाने के बाद भी न्याय न मिलने पर मिला महिला ने पांच अक्टूबर को आत्मदाह करने की चेतावनी दे डाली है। महिला का कहना है कि उनके मुख्य रास्ते को कंटीली तार लगाकर बंद कर दिया है, जिससे उनका परिवार कैद होकर रह गया है। बिलासपुर में पत्रकारों के सामने आपबीती सुनाते हुए ग्राम पंचायत बामटा की एक पीड़ित महिला सुनीता ठाकुर व उसके पति रोशन ठाकुर ने जिला प्रशासन एवं प्रदेश सरकार को आगाह किया कि अगर पांच अक्टूबर तक उसकी रास्ते की समस्या का समाधान नहीं हुआ तो वे अपने परिवार के साथ मिलकर आत्मदाह कर लेंगे, जिसकी जिम्मेदारी प्रशासन व सरकार की होगी।
निशानदेही के बाद 28 वर्ष पुराना रास्ता बंद किया
पीड़ित परिवार ने कहा कि वह पिछले 28 वर्ष से ग्राम पंचायत बामटा के अपर निहाल क्षेत्र में रह रही हैं, लेकिन पिछले कुछ दिनों से प्रशासन ने दो परिवारों द्वारा करवाई गई निशानदेही के बाद 28 वर्ष पुराना उनके घर का रास्ता, घर के दरवाजे के सामने कांटेदार बाड़ लगाकर बंद कर दिया है। इससे उनका परिवार पिछले 17 दिनों से एक तरह से घर में बंद होकर रह गया है। उनका रोजमर्रा आवश्यकता के कार्यों के लिए उन्हें अन्य घर के अंदर से होकर आना जाना पड़ रहा है। इस कारण उनका सारा परिवार बेहद मानसिक प्रताड़ना व दबाव से गुजर रहा है। सुनीता देवी ने प्रदेश मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर से गुहार लगाई कि उन्हें न्याय दिलवाएं व उनका रास्ता खुलवाएं अन्यथा वह पांच अक्टूबर को आत्मदाह कर लेंगी।
1993 में मकान बनाकर रहना शुरू किया
सुनीता देवी ने बताया कि खरीदी हुई जमीन पर वर्ष 1993 में उन्होंने मकान बनाकर रहना शुरू किया व तब से यह उनका रास्ता है, लेकिन गत 17 सितंबर को तहसीलदार पुलिस टीम के साथ वहां पहुंचे व कुछ नाप नपाई कर एंगल गाड़ दिए जिन पर बाद में कंटीली तार लगा दी गई। उन्होंने कहा कि समस्या को लेकर राजस्व अधिकारियों व प्रशासन के पास भी गई, लेकिन कोई भी उनकी बात सुनने को तैयार नहीं है। उन्होंने इस दौरान 16 जनवरी, 1997 की तिथि का जमीन मालिक का शपथपत्र भी दिखाया जिसमें दो मीटर चौड़ा व 20 मीटर लंबा रास्ता दिया है।