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शीतकालीन सत्र: महंगाई और कर्ज बढ़ाएंगे सरकार का मर्ज

हिमाचल प्रदेश विधानसभा सत्र आज से, सरकार को घेरने के लिए विपक्ष तैयार है, हिमाचल मं भाजपा सरकार के एक वर्ष के कार्यकाल का जश्न विपक्ष की आंख की किरकिरी बना हुआ है।

By Edited By: Published: Sun, 09 Dec 2018 08:28 PM (IST)Updated: Mon, 10 Dec 2018 02:59 AM (IST)
शीतकालीन सत्र: महंगाई और कर्ज बढ़ाएंगे सरकार का मर्ज
शीतकालीन सत्र: महंगाई और कर्ज बढ़ाएंगे सरकार का मर्ज

धर्मशाला, दिनेश कटोच। धर्मशाला हिमाचल प्रदेश विधानसभा का शीतकालीन सत्र कई मायनों में महत्वपूर्ण रहेगा। इस बार सदन में सरकार के एक वर्ष के कार्यकाल को कसौटी पर परखा जाएगा। विपक्ष विकास के मामले पर सरकार को घेरने से पीछे नहीं हटेगा जबकि सरकार एक वर्ष की उपलब्धियां का सहारा लेगी। विपक्ष के तरकश में विकास के मुद्दे पर कई तीर होंगे।

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महंगाई पर कांग्रेस पूरे प्रदेश में सड़क पर उतर चुकी है। प्रदेश के खजाने पर बढ़ते कर्ज का बोझ व फिजूलखर्ची के मुद्दे पर भी सरकार को घेरा जाएगा। प्रदेश में भाजपा सरकार के एक वर्ष के कार्यकाल का जश्न विपक्ष की आंख की किरकिरी बना हुआ है। सत्र शुरू होने से पहले ही आयोजन की तैयारियों में सरकारी मशीनरी के दुरुपयोग पर सरकार को निशाना बनाया जा रहा है। सदन में भी यह मुद्दा विपक्ष के पास अहम होगा। जनमंच कार्यक्रम को लेकर कांग्रेस पहले ही आपत्ति जता चुकी है। पार्टी का मानना है कि यह प्रपंच से ज्यादा कुछ नहीं है।

दूसरी ओर, सरकार एक साल में चलाई योजनाओं को ढाल बनाएगी। इनमें लोगों से सीधे जुड़ा जनमंच कार्यक्रम, पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए हेली टैक्सी सेवा और गृहिणी सुविधा योजना प्रमुख हैं। कई अन्य कल्याणकारी योजनाएं भी सदन में सरकार का हथियार बनेंगी। भाजपा सरकार के कार्यकाल में दूसरी बार शीतकालीन सत्र का आयोजन तपोवन में हो रहा है। इस बार शीत सत्र छह दिन का है और विधायकों ने सरकार को घेरने के लिए पूरी तैयारी कर ली है। कुल 437 सवाल सरकार से पूछे जाने हैं। सरकार कई संशोधन विधेयक भी पेश करेगी। लोकसभा चुनाव से पूर्व शीतकालीन सत्र इसलिए भी महत्वपूर्ण है क्योंकि भाजपा के विजन डॉक्यूमेट पर सरकार कितनी खरी उतरी, यह बताने के लिए भी सरकार के मुखिया के पास बहुत कुछ होगा।

प्रदेश के हित से जुड़े दो बड़े मुद्दों केंद्रीय विश्वविद्यालय व पठानकोट-मंडी व मटौर-शिमला राष्ट्रीय राजमार्गो के शिलान्यास को लेकर अब तक की गई कार्यवाही भी सरकार के समक्ष बड़ा प्रश्न होगी। सरकार के एक वर्ष पूर्ण होने पर मनाए जाने वाले जश्न को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को आमंत्रित किया गया है। पौंग बांध विस्थापितों की समस्याओं का निदान, रेलवे लाइन का ब्रॉडगेज कार्य, सरकारी धन का दुरुपयोग, नशे का बढ़ता व्यापार, कर्मचारियों की पेंशन, शिक्षण व स्वास्थ्य संस्थानों की दशा, पर्यटन सहित कई अन्य मुद्दे विपक्ष की ताकत साबित हो सकते हैं। फिलहाल धर्मशाला के तपोवन में सोमवार से शुरू हो रहे छह दिवसीय विधानसभा सत्र के दौरान जो सदन में मंथन होगा, अपेक्षा यह ही होगी कि इससे अमृत निकलेगा।


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