उपनिदेशक रेखा कपूर बोलीं, नई शिक्षा नीति हितकारी व व्यवहारिकता पर जोर, वेबिनार में जुड़े हजारों शिक्षक
New Education Policy उच्च शिक्षा उपनिदेशक रेखा कपूर ने कहा कि नई शिक्षा नीति 21वीं सदी के भारत का रास्ता बनाने वाली नीति है। इस नीति में कौशल प्रौद्योगिकी आंकलन मूल्यांकन के साथ साथ बच्चे को किताबों के बोझ से अलग व्यवहारिक शिक्षा पर जोर दिया गया है।
धर्मशाला, जागरण संवाददाता। New Education Policy, उच्च शिक्षा उपनिदेशक रेखा कपूर ने कहा कि नई शिक्षा नीति 21वीं सदी के भारत का रास्ता बनाने वाली नीति है। इस नीति में कौशल, प्रौद्योगिकी, आंकलन, मूल्यांकन के साथ साथ बच्चे को किताबों के बोझ से अलग व्यवहारिक शिक्षा पर जोर दिया गया है। हिमाचल प्रदेश पूरे देश में नई शिक्षा नीति-2020 लागू करने वाला पहला प्रदेश बना है। रेखा कपूर आज श्रीअरविंद सोसायटी तथा समग्र शिक्षा अभियान कांगड़ा द्वारा आयोजित राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 पर आधारित जिलास्तरीय वेबिनार को मुख्य अतिथि के रूप में संबोधित कर रही थी।
श्रीअरविंद सोसायटी के जिला समन्वयक मानव प्रदीप ने बताया कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति -2020 पर जिला कांगड़ा के शिक्षकों को प्रशिक्षित करने के लिए एक ऑनलाइन वेबिनार का आयोजन किया गया था । इस कार्यक्रम के मुख्य अतिथि उप निदेशक, उच्च शिक्षा कांगड़ा रेखा कपूर, तथा उपनिदेशक, प्रारंभिक शिक्षा, कांगड़ा मोहिंदर धीमान थे तथा विशिष्ट अतिथि जिला परियोजना समन्वयक विनोद चौधरी एवं एनईपी टास्क फोर्स हिमाचल प्रदेश के सदस्य डॉ. जोगिंदर सिंह थे।
इन सभी शिक्षा अधिकारियों के साथ सभी ब्लॉक के प्राथमिक तथा उच्च शिक्षा के बीआरसीसी इस कार्यक्रम में मुख्य रूप से शामिल रहे । इस वेबिनार में कांगड़ा जिला के लगभग छह हजार से ज्यादा शिक्षकों द्वारा भागीदारी ली गई ।
अरविंद सोसायटी के राष्ट्रीय प्रशिक्षण प्रमुख अशोक शर्मा ने सभी अधिकारियों का स्वागत करते हुए बताया कि अरविंद सोसायटी पूरे देश के शिक्षकों को एनईपी-2020 पर प्रशिक्षण देने का काम कर रही है। हिमाचल प्रदेश में शिक्षकों के प्रशिक्षण का यह कार्यक्रम 17 जून, 2021 को शिक्षा मंत्री गोविंद सिंह ठाकुर द्वारा ऑनलाइन वेबिनार के माध्यम से शुरू किया गया था। जिसके पश्चात आज कांगड़ा जिले के रूप में आठवें जिले में यह वेबिनार आयोजित हो रहा है ।
अशोक शर्मा ने कहा कि शिक्षकों के लिए राष्ट्रीय शिक्षा नीति -2020 को समझना बेहद जरूरी है, क्योंकि उन्हें ही यह जमीनी स्तर तक लागू करनी है। विनोद चौधरी, परियोजना समन्वयक कांगड़ा ने कहा हिमाचल प्रदेश शिक्षा विभाग इस आपदा के दौर में भी सभी बच्चों तक पहुंचने का काम लगातार कर रहा है। नई शिक्षा नीति को लागू करते हुए हमने कांगड़ा जिला में भी राज्य की तर्ज पर ही एनईपी टास्क फोर्स का गठन कर दिया है।
कांगड़ा जिला के महज तीन फीसद विद्यार्थी ऑनलाइन पढ़ाई से दूर हैं, जिन तक भी हैंड मेड नोट्स के माध्यम से पहुंचने के निरंतर प्रयास किए जा रहे हैं। श्रीअरविंद सोसायटी द्वारा कांगड़ा जिला में शिक्षकों को ऑनलाइन पढ़ाई के बारे में भी निरंतर प्रशिक्षण दिया जा रहा है।
डॉ. जोगेंद्र सिंह, सदस्य राज्य एनईपी टास्क फोर्स ने भी प्रदेश के शिक्षा विभाग द्वारा उठाए जा रहे कदमों बारे विस्तार से चर्चा की। इसके पश्चात वेबिनार के प्रशिक्षक जगत चौधरी ने एनईपी-2020 के विभिन्न पहलुओ पर विस्तार से चर्चा की। जिसमें स्कूलों में होने वाले ढांचागत बदलावों के साथ साथ बच्चों को रटने की प्रवर्ती से दूर करने और अनुभवात्मक शिक्षा पर जोर देने की बात की गई। वेबिनार में करीब 6000 से अधिक शिक्षकों ने सक्रिय रूप से भागीदारी निभाई। शिक्षकों तथा शिक्षा विभाग द्वारा दिए सहयोग के लिए कांगड़ा जिला समन्वयक मानव प्रदीप ने आभार व्यक्त किया।