मौसम ने ली करवट, कैलाश पर्वत पर हुआ हिमपात
मौसम के करवट बदलते ही मणिमहेश के कैलाश पर्वत पर बर्फबारी का दौर शुरू हो गया। जिसकी वजह से यहां ठंड बढ़ गई।
भरमौर, जेएनएन। मणिमहेश के कैलाश पर्वत पर सोमवार को मौसम के करवट बदलते ही बर्फबारी का दौर शुरू हो गया। कैलाश पर्वत पर बर्फबारी से यहां ठंड बढ़ गई है। हालांकि, सोमवार को महज कैलाश पर्वत पर ही बर्फबारी हुई, लेकिन मौसम खराब रहा तो आने वाले कुछ दिन में मणिमहेश झील तथा इससे नीचे तक आ सकती है।
जिला प्रशासन ने रेसक्यू टीम व सेक्टर अधिकारियों को बर्फबारी के मद्देनजर अलर्ट कर दिया है। श्रद्धालुओं को मौसम साफ होने पर ही यात्रा पर जाने की हिदायत दी गई है। मणिमहेश में रविवार दोपहर बाद ही मौसम ने अपना असर दिखाना शुरू कर दिया। सोमवार दोपहर को कैलाश पर्वत पर बर्फबारी शुरू हो गई। प्रशासन ने सभी सेक्टर अधिकारियों को सतर्क रहने के निर्देश दिए हैं। साथ ही श्रद्धालुओं से अपील की है कि वे मौसम साफ होने तक जहां पर हैं, वहीं रुके रहें।
एडीएम भरमौर पीपी सिंह का कहना है कि कैलाश पर्वत पर बर्फबारी हुई है। मौसम का मिजाज भी बदल रहा है। मणिमहेश में मौसम में अचानक हुए बदलाव के बाद कड़ाके की ठंड हो गई है। श्रद्धालु यात्रा के दौरान सावधानी बरतें।
मौसम विभाग के अनुसार प्रदेश में छह सितंबर तक बारिश होने के आसार हैं। कुल्लू जिले में मनाली, लाहुल-स्पीति, चंबा जिले के पांगी व भरमौर की चोटियों पर हल्की बर्फबारी दर्ज की गई। प्रदेश में पिछले दो दिन से कुछ स्थानों पर बारिश का सिलसिला जारी है। सबसे ज्यादा बारिश ऊना जिले के भरवाईं में 81 मिलीमीटर दर्ज की गई। राजधानी शिमला में भी सोमवार को सुबह से धुंध छाई रही, जिससे वातावरण में नमी बनी रही।
भूस्खलन से सड़क धंसी मंडी-पठानकोट एनएच बंद
पठानकोट-मंडी राष्ट्रीय राजमार्ग पर त्रिलोकपुर के पास सड़क धंसने से यातायात सोमवार तड़के पांच बजे से बाधित रहा। सड़क पूरी धंस गई और मलबा खड्ड में जा गिरा। इस दौरान वहां से गुजर रहा टिप्पर भी मलबे में जा फंसा। मुख्य मार्ग बंद होने से सोलहदा से त्रिलोकपुर के लिए यातायात को भेजने की वैकल्पिक व्यवस्था की गई है। उधर, शाहपुर में भारी बारिश के चलते गोहजू में कच्चा मकान गिर गया।
छह तक रहेगी बारिश
मौसम विभाग ने छह सितंबर तक कुछ स्थानों पर बारिश होने की संभावना जताई जा रही है। पिछले 24 घंटे के दौरान न्यूनतम तापमान में कोई अंतर नहीं आया जबकि अधिकतम तापमान में दो से तीन डिग्री की गिरावट दर्ज होने से ठंडक महसूस की गई।