विपिन सिंह परमार ने मंत्री पद से इस्तीफा देकर विधानसभा अध्यक्ष पद के लिए किया नामांकन दाखिल
विपिन सिंह परमार ने जयराम ठाकुर को मंत्री पद से इस्तीफा सौंपने के बाद विधानसभा अध्यक्ष पद के लिए नामांकन पत्र दाखिल कर दिया है।
शिमला, जेएनएन। विपिन सिंह परमार ने मंत्री पद से इस्तीफा दे दिया है। उन्होंने जयराम ठाकुर को मंत्री पद से इस्तीफा सौंपने के बाद विधानसभा अध्यक्ष पद के लिए नामांकन पत्र दाखिल कर दिया है। विपिन सिंह परमार ने हिमाचल प्रदेश विधानसभा के सचिव यशपाल शर्मा के पास नामांकन दाखिल किया। इस मौके पर सीएम जयराम ठाकुर, भाजपा प्रदेश अध्यक्ष डॉक्टर राजीव बिंदल, शिक्षा मंत्री सुरेश भारद्वाज व वन मंत्री गोविंद ठाकुर समेत अन्य नेता मौजूद रहे।
विपिन सिंह परमार का जन्म 15 मार्च, 1964 को कांगड़ा जिले की तहसील पालमपुर के ननाओ गांव में कंचन सिंह परमार के परिवार में हुआ। उन्होंने केंद्रीय विद्यालय योल से स्कूली शिक्षा के बाद गवर्नमेंट कॉलेज धर्मशाला से स्नातक की उपाधि प्राप्त की। बाद में हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय शिमला से कानून की डिग्री प्राप्त की।
एचपीयू में एबीवीपी कार्यकर्ता के बाद वह 1980 में एबीवीपी के कैंपस अध्यक्ष बने। इसके बाद आठ साल निरंतर एबीवीपी के ऑर्गेनाइजिंग सचिव रहे। इसके अलावा वह कांगड़ा-चंबा युवा मोर्चा अध्यक्ष, जिला कांगड़ा भाजपा के महासचिव और जिला कांगड़ा भाजपा अध्यक्ष भी रहे हैं।
1998 में सुलह हलके से विधानसभा के लिए चुने गए और 1999 से 2003 तक खादी बोर्ड के अध्यक्ष रहे। वर्ष 2007 में सुलह विधानसभा क्षेत्र से फिर विधायक चुने गए। 2017 में कांग्रेस के दिग्गज नेता जगजीवन पाल को हराकर प्रदेश सरकार में स्वास्थ्य मंत्री बने। विपिन परमार की पत्नी शर्मिला परमार स्कूल शिक्षिका के साथ-साथ सामाजिक कार्यकर्ता हैं। उनकी बेटी मिथिला एमबीबीएस कर रही है और बेटा धनंजय बीटेक की पढ़ाई कर रहा है।