Move to Jagran APP

तपोवन में सरकार, फरियादियों की दरकार

तपोवन में विधानसभा का शीतकालीन सत्र बेशक सोमवार को शुरू हो गया, लेकिन फरियादियों की दरकार नजर आई।

By Edited By: Published: Mon, 10 Dec 2018 11:06 PM (IST)Updated: Tue, 11 Dec 2018 03:00 AM (IST)
तपोवन में सरकार, फरियादियों की दरकार
तपोवन में सरकार, फरियादियों की दरकार

धर्मशाला, जेएनएन। तपोवन में विधानसभा का शीतकालीन सत्र सोमवार को शुरू हो गया, लेकिन पहले दिन कम ही फरियादी पहुंचे। कुछ चुनिंदा संगठनों के पदाधिकारी मांगों के समर्थन में तपोवन पहुंचे थे। हालांकि उम्मीद थी जयराम सरकार के तपोवन (धर्मशाला) पहुंचने पर खासी भीड़ रहेगी। सोमवार को तपोवन पहुंचे संगठनों व फरियादियों को मुख्यमंत्री या अन्य मंत्री से मिलने से पहले घंटों पास के लिए विधानसभा के मुख्य गेट पर इंतजार करना पड़ा। हालांकि कुछ संगठनों के पदाधिकारी सत्र शुरू होने से पहले ही विधानसभा परिसर के मुख्य गेट पर पहुंच चुके थे और उन्होंने पास के लिए आवेदन भी कर दिया था।

loksabha election banner

आयुर्वेदिक दैनिक वेतन भोगियों ने उठाई नियमितीकरण की मांग आयुर्वेदिक दैनिक वेतन भोगी चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी महासंघ का प्रतिनिधिमंडल प्रदेशाध्यक्ष अश्वनी कुमार के नेतृत्व में तपोवन पहुंचा। उन्होंने आयुर्वेद एवं स्वास्थ्य मंत्री से भेंटकर मांगपत्र सौंपा। आयुर्वेद विभाग में कार्यरत दैनिक भोगी चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों को शीघ्र नियमित करने की मांग उठाई। प्रतिनिधिमंडल ने ज्ञापन के जरिए स्पष्ट किया है कि दैनिक वेतन भोगी चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों का कार्यकाल 18 वर्ष का हो चुका हैं और जिसमें दैनिक वेतन भोगी के रूप में पांच वर्ष का कार्यकाल भी पूर्ण कर लिया गया है जबकि शिक्षा विभाग में 14 वर्ष का कार्यकाल पूर्ण कर लिया है। प्रतिनिधिमंडल में प्रीतम चंद, लेखराज, संजीव, गुलशन, लता देवी, रमेश सहित अन्य सदस्यों ने मांग उठाई 180 कर्मियों को जल्द नियमित किया जाए।

पीजीटी आइपी के 1191 पदों की भर्ती प्रक्रिया पूरी की जाए कंप्यूटर शिक्षक संघ कांगड़ा के सदस्यों ने मुख्यमंत्री को पीजीटी आइपी के 1191 पदों की भर्ती प्रक्रिया को पूरी करने को लेकर मांगपत्र सौंपा। सदस्यों ने मांगपत्र में स्पष्ट किया है कि कंप्यूटर शिक्षक पिछले 17-18 वर्षों से प्रदेश के सरकारी स्कूलों में सेवाएं दे रहे हैं। अलग-अलग कंपनियां आई और शोषण करके चली गई, लेकिन आज दिन तक कोई भी स्थायी हल नहीं निकल पाया। वेतन अदायगी से लेकर हर जगह शोषण ही किया गया है। 10 सितंबर, 2017 को शिक्षा विभाग ने पीजीटी आइपी के 1191 पदों को भरने की प्रक्रिया शुरू की थी। इसमें भर्ती एवं पदोन्नति नियमों के अनुसार पांच साल का अनुभव (हिमाचल प्रदेश के प्राइवेट और सरकारी स्कूलों का) जिसमें की सभी व्यक्ति जो कि इसे पूरा करते हैं, इसमें शामिल हो सकते हैं, लेकिन किसी कारण वश प्रशासनिक ट्रिब्यूनल ने इस प्रक्रिया को अस्थायी तौर पर रोक दिया और प्रक्रिया अपने अंतिम चरण में थी वहीं पर रुक गई। आज पूरे एक साल के बाद भी अस्थायी रोक नहीं हटाई गई।

मेस कर्मी बोले, नियमों का हवाला देकर हो रहा खिलवाड़ तपोवन पहुंचे कृषि विवि के मेस मजदूर कर्मियों की मांगों को जल्द पूरा करने का मुख्यमंत्री ने आश्वासन दिया है। मेस कर्मियों के मुताबिक उन्होंने अपने मांगपत्र में स्पष्ट किया है कि मेस मजदूरों को साल दर साल मस्टरोल पर लिया जाता था। जिसमें कि सरकार द्वारा तय नियमों के तहत उन्हें नियमित किया जाता था, लेकिन कृषि विश्व विद्यालय के प्रशासन ने अब यह सब बंद कर रखा है। उन्हें बजट न होने का हवाला देकर उनके भविष्य के साथ खिलवाड़ किया जा रहा है। पंकज अवस्थी, संतोष कुमार, जो¨गद्र ¨सह, मनवी ¨सह, विजय कुमार, कुलदीप, मदन, ओंकार चंद, राज कुमार, पंकज कुमार, प्रताप, रणजीत, अशोक, सुरजीत, शेष कुमार, रणधीर ¨सह व ओम राज ने बताया कि उन्हें नौकरी छोड़ने की बात कही जाती है और इस महंगाई के दौर में परिवार का गुजारा करना मुश्किल हो रहा है।

बेरोजगार शारीरिक संघ ने भी उठाई मांगें बेरोजगार शारीरिक शिक्षा संघ के प्रतिनिधिमंडल ने मुख्यमंत्री व शिक्षामंत्री से मिलकर पब्लिक सर्विस कमीशन के माध्यम से वरिष्ठ माध्यमिक पाठशालाओं में शारीरिक शिक्षकों के पद भरने की मांग उठाई है। 2015 से खुले नए वरिष्ठ माध्यमिक पाठशालाओं में भी शारीरिक शिक्षकों के पद सृजित करने की मांग भी उठाया है, ताकि बेरोजगार शारीरिक शिक्षकों को रोजगार मिल सके। इसके अलावा संघ ने मिडल व हाई स्कूलों में पीईटी के 1600 पदों को भी जल्द भरने की मांग रखी।

ओडर-लांझणी के लिए सड़क बनाई जाए ओडर से लांझणी के लिए सड़क निर्माण को लेकर झिकड़ी घरोह के बा¨शदों का प्रतिनिधिमंडल भी मुख्यमंत्री से मिला। झिकड़ी-घरोह के कुलदीप चंद, अनिल, अजय, अतुल आदि ने बताया कि उक्त क्षेत्र में लगभग 1000 परिवार रहते हैं, जोकि आज भी भाग्य रेखा से वंचित हैं। कुछ किलोमीटर तक सड़क बनी है तो वह भी आधी अधूरी है और उसमें भी जगह-जगह गड्ढे पड़ने से लोगों की समस्या बढ़ा रही है। वहीं ओडर से लांझणी सड़क के लिए डीपीआर तो बन चुकी है, लेकिन सड़क निर्माण को लेकर कार्य शुरू नहीं किया जा रहा है।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.