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पुलिस कर्मियों की लड़ाई सुप्रीमकोर्ट तक लड़ेगा संघ

पुलिस कांस्टेबल को नियमित वेतनमान न मिलने के मामले ने तूल पकड़ लिया है। आठ साल के फेर में फंसे इन कर्मियों के हितों की लड़ाई पुलिस कल्याण संघ लड़ेगा। संघ ने कहा है कि इस संबंध में आए सिंगल बैंच के फैसले को डबल बैंच में चुनौती दी जाएगी।

By Neeraj Kumar AzadEdited By: Published: Mon, 29 Nov 2021 07:24 PM (IST)Updated: Mon, 29 Nov 2021 07:24 PM (IST)
पुलिस कर्मियों की लड़ाई सुप्रीमकोर्ट तक लड़ेगा संघ
पुलिस कर्मियों की लड़ाई सुप्रीमकोर्ट तक लड़ेगा संघ। जागरण

शिमला, राज्य ब्यूरो। पुलिस कांस्टेबल को नियमित वेतनमान न मिलने के मामले ने अब तूल पकड़ लिया है। आठ साल के फेर में फंसे इन कर्मियों के हितों की लड़ाई पुलिस कल्याण संघ लड़ेगा। संघ ने कहा है कि इस संबंध में आए सिंगल बैंच के फैसले को डबल बैंच में चुनौती दी जाएगी। फिर भी राहत नहीं मिली तो संघ सुप्रीमकोर्ट तक लड़ाई लड़ेगा। इसके अध्यक्ष रमेश चौहान ने कहा है कि हिमाचल पुलिस के कांस्टेबल से लेकर इंस्पेक्टर रैंक के कर्मचारियों के लिए ड्यूटी देने के मामले में काम के घंटे तय नहीं है। थाने, चौकियों में 24 घंटे ड्यूटी देनी होती है। उन्होंने आठ घंटे ड्यूटी देने के प्रावधान को लागू करने की मांग की। उन्होंने कहा कि पुलिस कर्मचारियों को साप्ताहिक अवकाश नहीं मिल पाता है। ज्यादा ड्यूटी करने पर भी पगार कम मिलती है।

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कई मामलों में लड़ रहे अदालती लड़ाई

संघ के प्रदेशाध्यक्ष ने कहा कि 16, 24, 32 वर्ष में तीन पदोन्नति देने का मामला हाईकोर्ट में वर्ष 2010 से लड़ रहे हैं। साल में एक महीने तक संशोधित वेतनमान पर अतिरिक्त वेतन देने का मामला 2016 से कोर्ट में विचाराधीन है। साप्ताहिक अवकाश देने पर अभी अंतिम फैसला नहीं आया है। उन्होंने कहा कि कई मामलों को कोर्ट के माध्यम से सुलझाया गया है।

जेसीसी में उठाया था मामला

संघ ने आठ साल की शर्त से जुड़े पुलिस कांस्टेबल के मामले को संयुक्त सलाहकार समिति में प्रमुखता से उठाया था। तब सुनवाई नहीं हुई। अनुबंध कर्मियों पर भी दो साल का राइडर लगा है तो नियमित पुलिस कर्मचारियों पर आठ साल का राइडर बिल्कुल सही नहीं हैं। उन्होंने कहा कि विभाग और सरकार को कई बार मांगपत्र सौंपा, पर इसे स्वीकार नहीं किया गया।

पुलिस कर्मियों के साथ नहीं हुई बैठक

आठ साल के सेवाकाल तक पुलिस कांस्टेबल को नियमित वेतनमान न मिलने के मामले में सोमवार को अतिरिक्त मुख्य सचिव वित्त के साथ बैठक नहीं हो पाई। पुलिस कर्मियों की ओर से भी प्रतिनिधि उपलब्ध नहीं हो पाया। रिज मैदान पर राष्ट्रपति कलर सम्मान के उपलक्ष्य में आयोजित हो पुलिस परेड की रिहर्सल के कारण ये सचिवालय नहीं जा सके। पुलिस बल कानून व्यवस्था की ड्यूटी भी निभा रहा था। इसलिए बैठक में भाग नहीं ले पाए। पुलिस जवानों का कहना है कि वे अनुशासित पुलिस बल के सदस्य हैं। उन्होंने मांगों को लेकर कहीं भी घेराव नहीं किया। अनुशासन में रहकर मुख्यमंत्री से मिलने शिमला स्थित ओकओवर तक गए थे। इस दौरान मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने उनकी मांग को पूरा करने का भरोसा दिया था।


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