ऊना के वनरक्षक राजेश कुमार बलिदानी घोषित, धर्मशाला युद्ध स्मारक की तर्ज पर दो करोड़ से बनेगा स्मारक
Forest Guard Rajesh Kumar ऊना जिले के बंगाणा उपमंडल की सैली बीट में जंगल की आग बुझाने के दौरान झुलसने से जान गंवाने वाले वन रक्षक राजेश कुमार को सरकार ने बलिदानी घोषित कर दिया है। प्रदेश सरकार ने मंत्रिमंडल की बैठक में इस संबंध में बड़ा फैसला लिया।
शिमला, राज्य ब्यूरो। Forest Guard Rajesh Kumar, ऊना जिले के बंगाणा उपमंडल की सैली बीट में जंगल की आग बुझाने के दौरान झुलसने से जान गंवाने वाले वन रक्षक राजेश कुमार को सरकार ने बलिदानी घोषित कर दिया है। प्रदेश सरकार ने वीरवार को मंत्रिमंडल की बैठक में इस संबंध में बड़ा फैसला लिया। अब धर्मशाला युद्ध स्मारक की तर्ज पर स्मारक बनेगा। इस स्मारक के निर्माण में दो करोड़ रुपये खर्च होंगे। इसमें वनों की आग बुझाते प्राण न्योछावर करने वालों की गाथा अंकित की जाएगी।
हिमाचल प्रदेश में पहली बार वन विभाग बलिदानी का दर्जा देगा। इसमें वन मंत्री राकेश पठानिया ने बड़ी भूमिका निभाई है। उन्होंने सरकार तक मामले की जोरदार तरीके से पैरवी की। सरकार ने यह भी फैसला लिया है कि राजेश के परिवार को चार लाख रुपये की आर्थिक सहायता व बेटे को एक महीने के भीतर सरकारी नौकरी दी जाएगी।
दैनिक जागरण ने प्रमुखता से उठाया मामला
वनरक्षक राजेश कुमार की आग बुझाने के दौरान झुलसने से मौत होने के मामले को दैनिक जागरण ने प्रमुखता से उठाया था। प्रदेश सरकार ने इसका संज्ञान लिया है और उन्हें बलिदानी का दर्जा दे दिया।
वनरक्षक राजेश ने वन संपदा को आग से बचाने के लिए प्राण की बाजी लगा दी। सरकार ने अब उन्हें बलिदानी घोषित कर दिया है। अब स्मारक भी बनेगा। इस पर दो करोड़ की लागत आएगी। पीडि़त परिवार को सरकार चार लाख रुपये की मदद करेगी। बेटे को सरकारी नौकरी दी जाएगी।
-राकेश पठानिया, वन मंत्री
सरकार ने सराहनीय फैसला लिया है। इसके लिए मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर, वन मंत्री राकेश पठानिया समेत पूरा मंत्रिमंडल बधाई का पात्र है। बलिदानी का दर्जा देना सम्मान की बात है। वनरक्षक के योगदान को पूरा प्रदेश याद रखेगा।
-अश्वनी ठाकुर, प्रदेशाध्यक्ष, अराजपत्रित कर्मचारी महासंघ
सरकार के इस कदम के लिए मुख्यमंत्री व मंत्रिमंडल के उनके सहयोगियों का आभार है। यह फैसला पूरे प्रदेश के लिए नजीर साबित होगा।
-बलविंद्र शर्मा, प्रदेशाध्यक्ष, मिनिस्ट्रियल स्टाफ एसोसिएशन, वन विभाग
किसी वनरक्षक को आग बुझाते हुए जान फिर न गंवानी पड़े, इसके लिए भी उचित कदम उठाए जाएं। बलिदानी घोषित करने का फैसला अत्यंत सराहनीय है। अब ऐसी नीति बनाएं जिससे वन संपदा को बचाने के लिए समुदाय की भागीदारी बढ़ सके। राजेश के परिवार को मुआवजे के साथ सरकारी नौकरी जल्द मिले।
-डा. कुलदीप तंवर, पूर्व आइएफएस अधिकारी