Move to Jagran APP

जख्मी नेपाली मजदूर की हालत पर उमंग फाउंडेशन का राज्यपाल को पत्र, मुफ्त इलाज की सुविधा दिलाएं

इंदिरा गांधी मेडिकल कालेज एवं अस्पताल में उपचाराधीन बेसहारा नेपाली मजदूर पूर्ण बहादुर की दर्दनाक हालत पर उमंग फाउंडेशन के अध्यक्ष प्रो. अजय श्रीवास्तव ने राज्यपाल को पत्र लिखकर ऐसे बेसहारा मरीजों के लिए मुफ्त इलाज और तीमारदार के साथ ही पुनर्वास की व्यवस्था के लिए पत्र लिखा।

By Virender KumarEdited By: Published: Fri, 22 Oct 2021 09:30 PM (IST)Updated: Fri, 22 Oct 2021 09:30 PM (IST)
जख्मी नेपाली मजदूर की हालत पर उमंग फाउंडेशन का राज्यपाल को पत्र, मुफ्त इलाज की सुविधा दिलाएं
जख्मी नेपाली मजदूर की हालत पर उमंग फाउंडेशन का राज्यपाल को पत्र लिखा। जागरण आर्काइव

शिमला, जागरण संवाददाता। इंदिरा गांधी मेडिकल कालेज एवं अस्पताल में उपचाराधीन बेसहारा नेपाली मजदूर पूर्ण बहादुर की दर्दनाक हालत किसी का भी दिल दहला सकती है। एक हादसे में उसकी दोनों टांगें बुरी तरह जलने के बाद सड़ गई थीं। अब उसकी एक टांग काट दी गई है। उमंग फाउंडेशन के अध्यक्ष प्रो. अजय श्रीवास्तव ने राज्यपाल राजेंद्र विश्वनाथ आर्लेकर को पत्र लिखकर ऐसे बेसहारा मरीजों के लिए मुफ्त इलाज और तीमारदार के साथ ही पुनर्वास की व्यवस्था के लिए कदम उठाने का अनुरोध किया है। यह बहुत गंभीर समस्या है और बेसहारा मरीजों के मानवाधिकारों का घोर उल्लंघन हो रहा है।

loksabha election banner

उमंग फाउंडेशन से जुड़े ठियोग के दो युवक मसीहा बन कर पूर्ण बहादुर की जिंदगी में आए। वे कई दिन से अपने सब काम छोड़, हजारों रुपये खर्च करके उसके इलाज की जिम्मेदारी संभाल रहे हैं। इससे यह विश्वास जागता है कि इंसानियत अभी जिंदा है।

मरीज की गंभीर हालत देखकर उसका इलाज तो शुरू कर दिया गया। नेपाली होने के कारण न तो इसके पास आधार कार्ड है और न ही हिमकेयर कार्ड। ऐसे में इलाज में होने वाला खर्च भी आशु और संजय को ही उठाना पड़ रहा है। अब तक वे 16 हजार से अधिक खर्च कर चुके हैं। कुछ दिन पहले वह कमरे में अंगीठी जलाकर सो रहा था कि आग लगने से उसकी टांगें झुलस गई। उसका कोई भी सगा संबंधी यहां नहीं है। वे सब नेपाल में रहते हैं। प्रो. अजय श्रीवास्तव से आइजीएमसी के वरिष्ठ चिकित्सा अधीक्षक डा. जनक राज ने कहा कि यह मामला उनके ध्यान में नहीं आया था। उन्होंने कहा कि अब इस मरीज के इलाज में आइजीएमसी प्रशासन पूरी मदद करेगा।

उमंग के प्रो. अजय श्रीवास्तव ने राज्यपाल से अनुरोध किया है कि वह ऐसे मरीजों के इलाज, तीमारदार, और बाद में पुनर्वास की व्यवस्था कराने के लिए कदम उठाएं। सबसे ज्यादा भुक्तभोगी झारखंड, बिहार, उत्तर प्रदेश, ओडिसा और बंगाल सहित नेपाल से यहां मजदूरी करने आए गरीब लोग होते हैं। उनके मानवाधिकारों का गंभीर उल्लंघन होता है।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.