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जांच के बीच नौकरी छोड़ गए हिमाचल केंद्रीय विश्वविद्यालय के दो प्राध्यापक

सीयू में दो प्राध्यापकों के नौकरी छोडऩे से भर्ती प्रक्रिया पर सवाल उठने लगे हैैं। हालांकि विश्वविद्यालय प्रशासन का कहना है कि दोनों ने निजी कारणों से नौकरी छोड़ी है। यहां 2015 से 2019 के बीच हुई प्राध्यापकों की भर्ती पर एनएसयूआइ ने सवाल उठाकर जांच की मांग की थी।

By Virender KumarEdited By: Published: Sat, 16 Oct 2021 06:15 AM (IST)Updated: Sat, 16 Oct 2021 07:24 AM (IST)
जांच के बीच नौकरी छोड़ गए हिमाचल केंद्रीय विश्वविद्यालय के दो प्राध्यापक
सीयू में दो प्राध्यापकों के नौकरी छोडऩे से भर्ती प्रक्रिया पर सवाल उठने लगे हैैं।

धर्मशाला, दिनेश कटोच। हिमाचल प्रदेश केंद्रीय विश्वविद्यालय (सीयू) में दो प्राध्यापकों के नौकरी छोडऩे से भर्ती प्रक्रिया पर सवाल उठने लगे हैैं। हालांकि विश्वविद्यालय प्रशासन का कहना है कि दोनों प्राध्यापकों ने निजी कारणों से नौकरी छोड़ी है। केंद्रीय विश्वविद्यालय में 2015 से 2019 के बीच हुई प्राध्यापकों की भर्ती पर एनएसयूआइ ने सवाल उठाते हुए जांच की मांग की थी। इसके बाद विश्वविद्यालय प्रशासन ने प्राध्यापकों के डिग्री व दस्तावेजों की जांच शुरू की।

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जांच पूरी होने से पहले ही भाषा स्कूल में हिंदी विभाग के प्रमुख एवं एसोसिएट प्रोफेसर व स्कूल आफ सोशल साइंस के असिस्टेंट प्रोफेसर ने नौकरी से त्यागपत्र दे दिया। इनमें से एक उत्तर प्रदेश व दूसरा पंजाब का निवासी हैं। दोनों की नियुक्ति 2018-19 में हुई है।

विश्वविद्यालय प्रशासन का कहना है कि दोनों प्राध्यापकों ने निजी कारणों से त्यागपत्र दिया है। अब तक की जांच में किसी भी प्राध्यापक के दस्तावेज व डिग्री में कोई गड़बड़ी नहीं पाई गई है। आशंका जताई जा रही है कि दोनों प्राध्यापकों को पता था कि उनके दस्तावेजों की जांच होगी और उन पर गाज भी गिर सकती है। इस कारण दोनों ने त्यागपत्र दिए हैैं।

एनएसयूआइ ने की थी जांच की मांग

जून, 2021 में केंद्रीय विश्वविद्यालय की एनएसयूआइ इकाई ने प्राध्यापकों की भर्ती में गड़बड़ी का आरोप लगाते हुए जांच की मांग उठाई थी। एनएसयूआइ ने तत्कालीन कार्यकारी कुलसचिव को दो बार ज्ञापन भी दिया था। उन्होंने तत्कालीन कुलपति डा. कुलदीप चंद अग्निहोत्री पर नियमों को दरकिनार कर अपात्र लोगों को नौकरी देने के आरोप लगाए थे।

एनएसयूआइ के पास पुख्ता सबूत थे। इस कारण प्राध्यापकों के दस्तावेजों व डिग्री की जांच की मांग उठाई थी। जांच से पूरी होने से पहले ही दो प्राध्यापकों के नौकरी छोडऩे से स्पष्ट हो गया है कि भर्ती प्रक्रिया में फर्जीवाड़ा हुआ है। -पुनीत धीमान, जिलाध्यक्ष, एनएसयूआइ

डिग्री व दस्तावेजों की जांच नियमित प्रक्रिया है। नियुक्ति के समय भी दस्तावेज जांचे जाते हैं। नियुक्ति के बाद साल के बीच अंतिम बार फिर दस्तावेजों की जांच की जाती है। दो प्राध्यापकों ने निजी कारणों से नौकरी छोड़ी है। अब तक की जांच में किसी भी प्राध्यापक के दस्तावेजों में कोई गड़बड़ी नहीं पाई गई है। एनएसयूआइ ने गलत आरोप लगाए थे। -डा. विशाल सूद, कुलसचिव, केंद्रीय विश्वविद्यालय

मेरे कार्यकाल के दौरान सीयू में सभी भर्तियां नियमों के तहत हुई है। शिक्षा मंत्रालय की ओर से जारी भर्ती नियमों को पूरा करते हुए पात्र लोगों को तैनात किया गया है। -डा. कुलदीप चंद अग्निहोत्री, पूर्व कुलपति, केंद्रीय विश्वविद्यालय


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