15 हजार फीट से अधिक ऊंची चोटियों पर ट्रैकिंग प्रतिबंधित, बिना पंजीकरण नहीं कर सकेंगे ट्रैकिंग
हिमाचल प्रदेश में 15 हजार फीट से अधिक ऊंचाई वाली चोटियों पर ट्रैकिंग पर पूर्ण प्रतिबंध लगा दिया है। अब बिना पंजीकरण कोई भी ट्रैकिंग नहीं कर सकेगा। अब ट्रैकिंग पर जाने वालों को आनलाइन पंजीकरण करवाना होगा।
यादवेन्द्र शर्मा, शिमला। हिमाचल प्रदेश में 15 हजार फीट से अधिक ऊंचाई वाली चोटियों पर ट्रैकिंग पर पूर्ण प्रतिबंध लगा दिया है। अब बिना पंजीकरण कोई भी ट्रैकिंग नहीं कर सकेगा। ट्रैकिंग पर जाने वालों को आनलाइन पंजीकरण करवाना होगा। इसमें ट्रैकर को स्वास्थ्य संबंधी डाटा के अलावा परिवार के संपर्क सूत्रों की जानकारी देनी होगी। इसे कड़ाई से लागू करने का निर्देश है।
इस संबंध में मुख्य सचिव राम सुभाग सिंह की अध्यक्षता हुई, जिसमें सभी जिला उपायुक्तों को इस संबंध में निर्देश जारी किए गए। ट्रैकिंग साइट को जोन आधार पर बांटा जाएगा, जिसके लिए जल्द रूपरेखा तैयार की जाएगी। कौन-कौन से ट्रैकिंग रूट कब-कब खुले रहेंगे और कब बंद, यह निर्धारित किया जाएगा। इसके लिए दिशा-निर्देश जारी किए जाएंगे।
ट्रैकिंग करवाने वाले गाइड के लिए प्रशिक्षण और उनका पंजीकरण भी अनिवार्य होगा। उनके पास ट्रैकिंग से संबंधित सामान के उपलब्ध होने पर ही अनुमति दी जाएगी।
ट्रैकर के गायब होने के बाद बन रहा प्लान
ट्रैकरों के लापता और मृत्यु के बाद प्रदेश में ट्रैकिंग को लेकर मास्टर प्लान तैयार किया जा रहा है। इसके लिए मुख्य सचिव ने निर्देश दिए हैं। इसमें ट्रैकर के लिए जीपीएस सिस्टम अनिवार्य किया गया है, जिससे ट्रैकर को लापता होने से बचाया जा सके और आसानी से उन्हें ट्रेस किया जा सके। पिछले दिनों शिमला जिले के ब्रुआ कंडे से ट्रैकरों का दल बफीर्ले तूफान में फंस गया था। इससे पहले उत्तराखंड के हर्षिल से किन्नौप के छितकुल के लिए निकले ट्रैकसर् का दल भी रास्ते में फंस गया था।
मुख्य सचिव की अध्यक्षता में हुई बैठक में 15 हजार फीट से अधिक ऊंचाई वाली चोटियों पर ट्रैकिंग पर रोक लगाई गई है। ट्रैकरों की सुरक्षा के लिए पंजीकरण को अनिवार्य करने के साथ अब जोन आधार पर ट्रैकिंग रूट निर्धारित होंगे। ये रूट कब-कब बंद रहेंगे इसके लिए व्यापक दिशा निर्देश जारी किए जाएंगे।
-सुदेश मोक्टा, विशेष सचिव व निदेशक आपदा प्रबंधन।