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जोगेंद्रनगर अस्पताल में बिजली जाने पर मोबाइल की टार्च से इलाज, जेनरेटर सुविधा ठप

Power Failure in Jogendernagar Hospital विधानसभा क्षेत्र जोगेंद्रनगर में 100 बिस्तर वाले उपमंडलीय अस्पताल में एक बार फिर बिजली गुल हो जाने से अव्यवस्था का माहौल देखने को मिला है। घटना दुर्घटना से घायलों को भी समय पर उपचार हासिल करने के लिए दिक्कत झेलनी पड़ी।

By Virender KumarEdited By: Published: Sun, 22 May 2022 09:43 PM (IST)Updated: Sun, 22 May 2022 09:43 PM (IST)
जोगेंद्रनगर अस्पताल में बिजली जाने पर मोबाइल की टार्च से इलाज, जेनरेटर सुविधा ठप
जोगेंद्रनगर अस्पताल में बिजली जाने पर मोबाइल की टार्च से इलाज। जागरण

जोगेंद्रनगर, राजेश शर्मा। Power Failure in Jogendernagar Hospital, विधानसभा क्षेत्र जोगेंद्रनगर में 100 बिस्तर वाले उपमंडलीय अस्पताल में एक बार फिर बिजली गुल हो जाने से अव्यवस्था का माहौल देखने को मिला है। घटना दुर्घटना से घायलों को भी समय पर उपचार हासिल करने के लिए दिक्कत झेलनी पड़ी। अस्पताल के विभिन्न रोगी वार्ड में दाखिल मरीजों को अंधेरे में परेशान होना पड़ा। इन्हें उपचार दिलाने के लिए मोबाइल फोन की रोशनी का सहारा वार्ड व स्टाफ नर्सों को लेना पड़ा। अस्पताल में जेनरेटर सुविधा ठप हो गई है। इससे आय दिन बिजली गुल हो जाने पर गंभीर मरीजों को जान पर जोखिम पैदा हो जाता है, लेकिन अस्पताल प्रशासन व्यवस्था में सुधार लाने के लिए गंभीर नहीं है।

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ताजा मामला रविवार देर शाम का है। आंधी तूफान से बिजली की हाईवोलटेज तारों के टूट जाने से स्थानीय अस्पताल सहित साथ लगते घरों की बिजली गुल हो गई थी। करीब डेढ़ घंटे तक अस्पताल में दाखिल उल्टी दस्त व सांस की गंभीर बीमारियां से पीडि़त मरीजों को समय पर उपचार दिलाना चुनौती बना रहा।

अस्पताल में तैनात चिकित्सक व स्टाफ नर्स मोबाइल फोन की रोशनी से मरीजों को उपचार दिलाने को मजबूर हुए। अस्पताल के सीसीयू रोगी वार्ड में भी बिजली गुल रही। महिला-पुरुष रोगी वार्ड के अलावा गायनी, शिशु रोगी वार्ड में अंधेरा पसरा रहा।

इधर सड़क हादसे में घायल जोगेंद्रनगर के शानन निवासी बाल कृष्ण को भी मोबाइल फोन की रोशनी से उपचार दिलाना पड़ा। बालकृष्ण दोपहिया वाहन से गिरकर गंभीर घायल हुए थे। बाजू व टांग में गहरे जख्म आए थे। सिविल अस्पताल में रोजाना 500 मरीज उपचार के लिए पहुंच रहे हैं। यहां मरीजों को उपचार दिलाने के लिए विशेषज्ञ चिकिसकों का आभाव अरसे से बना हुआ है। साथ में अब अव्यवस्था भी मरीजों के लिए सिरदर्द बनती जा रही है।

क्या कहते हैं अधिकारी

आंधी तूफान से अस्पताल के नजदीक बिजली के तार टूट गए थे। मरम्मत कार्य के चलते बिजली आपूर्ति बंद की गई थी। कार्य समाप्त होते ही बिजली आपूर्ति बहाल कर दी गई थी।

-अनूप कटवाल, कनिष्ठ अभियंता बिजली विभाग जोगेंद्रनगर।

100 बिस्तर वाले जोगेंद्रनगर अस्पताल में करीब 15 लाख की जेनरेटर सुविधा प्रदान की गई है। इसका इस्तेमाल क्यों नहीं हो पा रहा इस बार अस्पताल प्रशासन से जबाव तलब किया जाएगा।

-डा. देवेंद्र कुमार, मुख्य चिकित्सा अधिकारी मंडी


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