बोले वोटर, जनहित में जो फैसला ले उसे ही मौका दें
Travel express ट्रेवल एक्सप्रेस में वोटर बोले जो प्रत्याशी जनहित में फैसला लेने की इच्छा शक्ित रखता हो उसे ही मौका दें।
बैजनाथ, जेएनएन। बुधवार दोपहर एक बजे बैजनाथ से चौबीन जाने वाली निजी बस में सफर शुरू किया। अचानक हुई ठंड ने माहौल को बदल दिया था। बस में सवार यात्री ठंड को लेकर ही बातें कर रहे थे। ऐसे में राजनीतिक चर्चा को शुरू करते हुए जब उनसे लोकसभा चुनाव को लेकर बात की तो अचानक से यात्री मुझे देखने लगे। पूछा जनाब आप ऐसे मौसम में राजनीति की बात क्यों करना चाह रहे हो तो जवाब में मैंने कहा कि ठंडक में गर्मी लाने के लिए सबसे बढि़या राजनीतिक चर्चा रहती है।
लिहाजा आप बताएं कि इस बार चुनाव में क्या कुछ रहेगा। इस पर बनूरी निवासी कृष्ण चंद बोले चुनाव तो नेताओं के लिए है। जनता तो हर बार इसका बोझ उठाती चली आ रही है। मगर एक बात है कि इस सरकार के समय में कई निर्णय जनता के हित में आए हैं। ऐसे में सरकार को दोबारा मौका देना चाहिए। कृष्ण चंद के साथ बैठे दिनेश ने भी इस पर हामी भरी और कहा कि यही सरकार युवाओं को नशे से दूर व रोजगार दिलाएगी। बातचीत कर रहे थे कि बस रुकी तो बाहर देखा तो कुंसल आ चुका था।
यहां से एक युवा बस में चढ़ा तो सीधे उससे ही मुखातिब होकर सवाल दागा कि भाई साहब केंद्र में किसकी सरकार बननी चाहिए। उसने ऊपर से नीचे तक देखा और फिर कहा आपकी। इस पर मैंने कहा, अपनी नहीं भाई साहब जनता की पूछ रहे हैं और इस बारे में बताएं। उसने अपना नाम विशाल बताया और कहा कि गुण-दोष के आधार पर किसी भी प्रत्याशी को चुनना चाहिए। फिलहाल तो देश में मजबूत सरकार बननी चाहिए। मोदी के कार्यकाल में विदेशों में देश का मान-सम्मान बढ़ा है और युवाओं को रोजगार के अवसर भी मिले हैं। गठबंधन की सरकारों को दस साल तक देखा और उसके बाद पांच साल तक एक पार्टी की सरकार देखी।
इस पर कोई दबाव नहीं था। अब फिर से उसे लाया जाना चाहिए। ऐसा कहकर वह महाकाल में उतर गया। उसके बाद जैसे-जैसे बस आगे बढ़ रही थी, बारिश भी तेज होती जा रही थी। आगे मैंने 60 साल के किशोरी लाल से बात शुरू की तो वे बोले कि उनका काफी समय सरकारों को देखते हो गया, लेकिन इस सरकार ने सभी वर्गो का ख्याल रखा है। इसके अलावा देश की ओर बुरी नजर से देखने वालों को भी मुंह तोड़ जवाब दिया। आगे बस में चढ़े दंपती देशराज व उर्मिला से बात की तो उन्होंने कहा कि जो देशहित व जनता के लिए सोचेगा हम उसे ही वोट देंगे। अब समय पार्टीबाजी का नहीं उससे हटकर सोचने का है। बस चौबीन पहुंच चुकी थी। मैं भी बस से उतरा व बारिश से बचने के लिए रेन शेल्टर में खड़ा हो गया।