Bhagsu Nag Landslide: फोटो खिंचवाने न रुकते तो शायद बच जाती आठ माह की मासूम Kangra News
भाग्य की बिडंवना है कि हरोली से आए रिश्तेदारों ने मैक्लोडगंज तो घूम लिया लेकिन पर्यटन क्षेत्र के मुख्य स्थल की खूबसरती निहारने की चाहत बेटी के लिए काल का ग्रास बन गई।
धर्मशाला, मुनीष गारिया। पहाड़ देखने में जितने सुंदर एवं खूबसूरत लगते हैं उतने ही खतरनाक भी होते हैं। ऐसा नहीं मान सकते कि जिस पहाड़ी में अबसे पहले कभी कोई हादसा नहीं हुआ, वहां भविष्य में भी नहीं होगा। खासकर बरसात के मौसम में कभी कोई पता नहीं होता कि कब कहां से भूस्खलन हो जाए। आठ माह की मासूम, जिसे अभी बोलना भी ढंग से नहीं आया था उसे लेकर ऊना के हरोली से मैक्लोडगंज पहुंचे अच्छर चंद व सुनीता देवी सहित अन्य पर्यटकों को क्या पता था कि जिस पहाड़ी के नीचे खड़े होकर वे फोटो खिंचवा रहे हैं, वही पहाड़ी उनकी मासूम लवदीप कौर को निगल जाएगी और उन्हें आजीवन न भूलने वाले जख्म दे जाएगी।
भाग्य की बिडंवना है कि हरोली से आए रिश्तेदारों ने मैक्लोडगंज तो घूम लिया, लेकिन पर्यटन क्षेत्र के मुख्य स्थल की खूबसरती निहारने की चाहत बेटी के लिए काल का ग्रास बन गई। जिस स्थान पर हादसा हुआ, वह पर्यटकों के लिए सेल्फी प्वाइंट है। भागसूनाग वाटरफाल की चढ़ाई के शुरुआत से ही वाटरफाल दूर से दिखता है और यहां से आसपास का नजारा भी बहुत अच्छा आता है। पर्यटक यहां फोटो खिंचवाने के लिए रुक जाते हैं। शनिवार को पहाड़ी से पत्थर गिरे तो मासूम मां की गोद से उछलकर सात फीट दूर जा गिरी। बड़ी बात तो यह है कि वाटरफाल मार्ग के ऊपर खड़ी पहाड़ी है। इस मार्ग के अलावा यहां जाने के लिए कोई वैकल्पिक मार्ग नहीं है। ऐसे में अब वाटरफाल जाने वालों के लिए सुरक्षित मार्ग नहीं है।