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डलहौजी और खजियार से कम नहीं चौहारघाटी की मनोरम वादियां, पर्यटकों के लिए नहीं हैं स्‍वर्ग से कम

द्रंग क्षेत्र के अनेकों पर्यटन स्थल संवरने के लिए सरकार की नजर ए इनायत को तरस रहे हैं। विडंबना है कि इन रमणीक स्थलों की ओर सरकार का कोई ध्यान नही है।चौहारघाटी के अंतिम छोर और कुल्लू जिला की सीमा पर स्थित सनवाड़ पंचायत के मांदरा में हैं।

By Richa RanaEdited By: Published: Tue, 17 May 2022 05:33 PM (IST)Updated: Tue, 17 May 2022 05:33 PM (IST)
डलहौजी और खजियार से कम नहीं चौहारघाटी की मनोरम वादियां,  पर्यटकों के लिए नहीं हैं स्‍वर्ग से कम
चौहारघाटी में विशालकाय देवदार के पेड़ों की खूबसूरती से मैदान में और चार चांद लगते हैं।

पद्धर,संवाद सहयोगी। द्रंग क्षेत्र के अनेकों पर्यटन स्थल संवरने के लिए सरकार की नजर ए इनायत को तरस रहे हैं। विडंबना है कि इन रमणीक स्थलों की ओर सरकार का कोई ध्यान नही है। एक ऐसा ही पर्यटन स्थल चौहारघाटी के अंतिम छोर और कुल्लू जिला की सीमा पर स्थित सनवाड़ पंचायत के मांदरा में हैं। जहां चहुं ओर से देवदार के घने पेड़ों की खूबसूरती के मध्य लगभग सात बीघा का प्राकृतिक मैदान सैलानियों को अपनी ओर आकर्षित करता है। यहां एक बार कदम रखने के बाद वापस लौटने का मन नहीं करता। यहां की खूबसूरती डलहौजी और खजियार से कम नहीं है। बिल्कुल सीधे और विशालकाय देवदार के पेड़ों की खूबसूरती से मैदान में और चार चांद लगते हैं।

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मुसीबत यह है कि यहां पहुंचने के लिए सड़क सुविधा नही हैं। ट्रैकिंग पर निकलने वाले युवाओं की यह पहली पसंद है। ट्रैकर मांदरा से डेढ़ घंटे की पैदल चढ़ाई चढ़ने बाद आधे घंटे में कुल्लू पहुंच जाते हैं। स्थानीय पंचायत द्वारा बस स्टैंड कमाहरड़ू से मांदरा सड़क निर्माण कार्य शुरू किया गया है। लेकिन बजट की कमी आड़े आने से दो किलोमीटर सड़क ही बन पाई है। बजट की कमी और वन क्षेत्र होने की वजह से यह स्थल अभी विकसित नहीं हो पाया है। सरकार इस तरफ ध्यान दे तो खजियार और डलहौजी की खूबसूरती यहां फीकी पड़ सकती है।

स्थानीय युवाओं ने बताया कि प्रदेश सरकार एक तरफ अनछुए पर्यटन स्थलों को विकसित करने के दावे करती है। लेकिन यहां इस तरह के कोई प्रयास अब तक नहीं किए गए हैं। युवाओं में बलदेव कुमार रवि सिंह नंदराम रमेश चंद सहित अन्य ने कहा कि मांदरा में देवदार के घने पेड़ों के बीच विशाल खेल मैदान की खूबसूरती डलहौजी और खजियार से कम नहीं है। यहां हर वर्ष कापू मेले का आयोजन किया जाता है। इसमें क्रिकेट ट्रॉफी विशेष आकर्षण रहती है। मंडी और कुल्लू जिला की टीमें हिस्सा लेती हैं। क्षेत्र पर्यटन की दृष्टि से विकसित होता है तो बेरोजगारों के लिए स्वरोजगार का भी जरिया बनेगा। यहां की मनोरम वादियां निहारने के लिए देशी विदेशी पर्यटक पहुंचेंगे।

चौहारघाटी में बहुत से ऐसे पर्यटन स्थल हैं। अभी तक प्रदेश सरकार और ना ही टूरिज्म विभाग का ध्यान आकर्षित हुआ है। सरकार इस दिशा में ध्यान देती है तो पर्यटकों को यहां की खूबसूरती के साथ-साथ ट्रैकिंग का भी लाभ मिलेगा। ग्रामीणों ने मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर से मांदरा मैदान को पर्यटन की दृष्टि से विकसित करने की मांग उठाई है।


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