जमा दो के विद्यार्थियों को प्रमोट करने के लिए दसवीं के अंकों को बनाए जाए आधार
प्रदेश स्कूल प्रवक्ता संघ ने प्लस टू में छात्रों को प्रमोट करने के लिए दसवीं के अंकों को भी आधार बनाने की मांग की है। संघ की राज्य कार्यकारणी की वर्चुअल बैठक वीरवार को आयोजित हुई। बैठक में कोरोना को रोकने के लिए सरकार के प्रयासों को सराहा गया
शिमला, जागरण संवाददाता। प्रदेश स्कूल प्रवक्ता संघ ने प्लस टू में छात्रों को प्रमोट करने के लिए दसवीं के अंकों को भी आधार बनाने की मांग की है। संघ की राज्य कार्यकारणी की वर्चुअल बैठक वीरवार को आयोजित हुई। बैठक में संघ के अध्यक्ष केसर ङ्क्षसह ठाकुर बताया कि सिरकार ने करोना वायरस से निपटनें के लिये बहुत ही प्रभावी कदम उठाये है जिसका स्कूल प्रवक्ता संघ समर्थन करता है।
प्रदेश स्कूल प्रवक्ता संघ ने केंद्र सरकार द्वारा जमा दो की परीक्षाओं को रद करने के फैसले का स्वागत किया हैं। इस फैसले से असंख्य बच्चों का जीवन सुरक्षित हुआ है। बच्चो के जीवन की सुरक्षा को
प्रधानमंत्री द्वारा प्राथमिकता दी गई है जो प्रशंसनीय हैं संघ ने उम्मीद जताई है की इसी तरह का फैसला मंत्रिमंडल द्वारा भी आने वाली बैठक में लिया जाएगा। संघ ने परीक्षा रद्द होने पर जमा दो के परिणाम निकालने के लिये क्या आधार हो इस विषय पर विस्तृत रूप से चर्चा की।
बैठक में कई प्रस्ताव पास हुए जिन में एक प्रस्ताव के द्वारा सरकार से जमा दो के विद्यार्थियों का परिणाम निकालने के लिये मैट्रिक में प्राप्त अंकों को आधार बनाया जाए मैट्रिक में प्राप्त अंको को परिणाम के लिये 25 प्रतिशत के आधार पर जोड़ा जाए। जमा एक में प्राप्त अंकों का 25 प्रतिशत, आन्तरिक मूल्यांकन का 20 प्रतिशत, जमा दो की जो प्री बोर्ड परीक्षाए ली गई थी उसका 20 प्रतिशत को आधार बनाया जाए। जमा दो की वार्षिक परीक्षा शुरू हो चुकी थी जिसमें अंग्रेजी विषय का एक पेपर हो चुका था। उस पेपर का मूल्यांकन अत्यंत आवश्क है, उसमें प्राप्त अंकों का दस फीसद को आधार बनाया जाए। संघ ने सरकार से इस आधार पर परीक्षा परिणाम निकालने की मांग की है।
रोटेशन के आधार पर स्कूल बुलाए जाए शिक्षक
संघ ने बैठक में एक अन्य प्रस्ताव पास कर सरकार से रोटेशन आधार पर अध्यापको को स्कूल बुलाने की मांग की है। संघ के अध्यक्ष केसर ङ्क्षसह ठाकुर ने बताया की रोज आये दिनों स्कूल में विभिन्न तरह के गैर शैक्षणिक कार्यो के लिये सरकार की विभिन्न प्रकार की नीतियों को लागू करने के लिये अध्यापकों की आवश्यकता रहती है और इन सब कार्यो को स्कूल से किया जा सकता हैं जब अन्य विभाग के कर्मचारी भी कार्यालयों में रोटेशन आधार पर आ रहे हैं तो अध्यापक भी इसी आधार पर स्कूल में आकर अपनी सेवाए दे सकते हैं।