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थायराइड रोक देता है बच्चों का मानसिक विकास, महिलाएं होती हैं ज्यादा प्रभावित; ऐसे करें बचाव

थायराइड है तो तनाव से दूरी और आयोडीन युक्त नमक बहुत जरूरी होता है। थायराइड बच्चों का मानसिक विकास रोक देता है।

By Rajesh SharmaEdited By: Published: Tue, 26 May 2020 05:00 PM (IST)Updated: Tue, 26 May 2020 05:00 PM (IST)
थायराइड रोक देता है बच्चों का मानसिक विकास, महिलाएं होती हैं ज्यादा प्रभावित; ऐसे करें बचाव
थायराइड रोक देता है बच्चों का मानसिक विकास, महिलाएं होती हैं ज्यादा प्रभावित; ऐसे करें बचाव

शिमला, यादवेन्द्र शर्मा। थायराइड है तो तनाव से दूरी और आयोडीन युक्त नमक बहुत जरूरी होता है। थायराइड बच्चों का मानसिक विकास रोक देता है। समय पर इसका उपचार करवाने से व्यक्ति स्वस्थ हो जाता है। हिमाचल प्रदेश में अस्पतालों में होने वाली ओपीडी में तीन से पांच रोगी इसके उपचार के लिए आते हैं। पुरुषों की अपेक्षा में महिलाओं को यह ज्यादा प्रभावित करता है। कोरोना के इस दौर में थायराइड के उपचार के लिए चिकित्सकों द्वारा बताया गया उपचार दवाइयों का इस्तेमाल नियमित आधार पर करें और उसे बीच में न छोड़ें। यह स्वास्थ्य के लिए नुकसानदायक हो सकता है।

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थायराइड तितली के आकार की ग्रंथी होती है और कॉलरबोन के ठीक उपर होती है। यह ग्रंथी हार्मोन बनाती है। प्रमुख रूप से थायराइड दो प्रकार का होता है हाइपरथायराइड में अधिक मात्रा में थायराइड हार्मोन बनते हैं, जबकि दूसरे प्रकार के हाइपोथायराइड में हार्मोन का उत्पादन कम होता है। संतुलित आहार आर फाइबरयुक्त भोजन और उचित उपचार से थायराइड ग्रंथी ठीक तरह से काम कर सकती है।

नियमित व्यायाम व योग थायराइड की समस्या प्रदेश में लगातार बढ़ रही है। दिनचर्या में परिवर्तन और मेहनत वाले कार्य न करने और  आयोडिन की कमी व संतुलित आहार न लेने के कारण समस्या बढ़ी है। जो थायराइड के मरीज हैं वह घर पर रहकर व्यायाम व योग सहित चिकित्सक द्वारा बताई दवा का नियमित सेवन करें तो स्वस्थ रह सकते हैं। -डॉ. मदन कौशिक, प्रोफेसर मेडिसन आइजीएमसी, शिमला।

लक्षण व कारण

  • तनाव की अधिकता
  • भूख का बहुत अधिक लगना और बार-बार खाना या बहुत कम भूख लगना
  • बहुत अधिक वजन का कम होना या वजन का एकदम बहुत अधिक बढऩा
  • हृदयगति बहुत अधिक होना
  • सुस्ती और कब्ज होना।

बचाव व उपचार

  • धूमपान, मादक पदार्थों व शराब का सेवन न करें
  • संतुलित आहार जिसमें विटामिन, प्रोटीन, कैल्शियम, आयोडीन, मेग्निशियम व फाइबर युक्त खाद्य पदार्थों का सेवन करें
  • नियमित स्वास्थ्य की जांच
  • यदि दवाओं का इस्तेमाल कर रहे हैं तो चिकित्सक की सलाह से नियमित सेवन

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