चलते-फिरते शहीद स्मारक हैं मेरठ के यह जनाब, आजकल हिमाचल में कीजिए इनसे मुलाकात
युवाओं को शरीर में कई तरह के टैटू गुदवाने का शौक होता है। लेकिन मेरठ के एक युवा ऐसे भी हैं, जो शरीर में देश के शहीद सैनिकों के नाम व महापुरुषों के चित्र गुदवाने का शौक रखते हैं
कुलदीप राणा, पालमपुर। पेशे से इंटीरियर डिजाइनर मेरठ के हापुड़ निवासी अभिषेक गौतम के हौसले को सलाम है। जनाब ने पीठ पर शहीदों व महापुरुषों के नाम व चित्र गुदवाए हैं और देशभर में कारगिल शहीदों के घर जाकर परिजनों को ढांढस बंधवाने के साथ-साथ शहीदों को श्रद्धांजलि भी दे रहे हैं। सोमवार को अभिषेक गौतम कारगिल युद्ध के प्रथम शहीद कै. सौरभ कालिया के परिजनों से मिले।
इस दौरान बातचीत में उन्होंने कहा, सबसे पहले उन्होंने अपने लाडले बेटे के नाम का टैटू गुदवाया था। फिर मन में आया कि जिस तरह बेटे से प्यार है उसी तरह शहीद परिजनों को भी बेटों से लगाव होगा। इसी उद्देश्य को लेकर पीठ पर कारगिल शहीदों सहित अन्य युद्धों में शहीद हुए करीब 550 से अधिक लोगों के नाम पीठ पर टैटू के रूप में गुदवाए। बकौल अभिषेक गौतम, शहीदों को श्रद्धांजलि देने के अभियान में उन्होंने शहीद परिवारों को शहीद की फोटो वाली टीशर्ट और अपनी ओर से ट्रॉफी भेंट करने को कार्यक्रम में जोड़ दिया।
भ्रमण के दौरान उन्हें हिमाचल प्रदेश में बहुत प्यार मिल रहा है। शहीद परिजनों से मिलकर बहुत खुशी हो रही है। सोमवार को उन्होंने शहीद कै. सौरभ कालिया की माता विजय कालिया, पिता डॉ. एनके कालिया व भाई वैभव सहित परिजनों से मुलाकात की और उन्हें टीशर्ट भेंट की। उन्होंने शहीद परिजनों से अभियान को सफल बनाने के लिए आशीर्वाद भी हासिल किया। अभिषेक गौतम ने कहा कि शरीर में लगातार टैटू गुदवाने से उन्हें लगातार तीन माह बुखार रहा है, लेकिन इसकी परवाह किए बगैर इस कार्रवाई को जारी रखा। इससे पहले अभिषेक गौतम कारगिल शहीद कै. अनमोल कालिया, शहीद कै. विक्रम बतरा, शहीद मेजर सुधीर वालिया सहित अन्य शहीदों के परिजनों से मिल चुके हैं।
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