आइजीएमसी शिमला में टला तीसरा किडनी ट्रांसप्लांट, यह है वजह
Kidney Transplant in IGMC इंदिरा गांधी मेडिकल कालेज एवं अस्पताल (आइजीएमसी) शिमला में दो किडनी ट्रांसप्लांट के बाद तीसरे की तैयारी शुरू कर दी थी। पहले यह किडनी ट्रांसप्लांट दिसंबर में होना था रेजिडेंट डाक्टरों की हड़ताल होने की वजह से किडनी ट्रांसप्लांट नहीं हो सका।
शिमला, जागरण संवाददाता। Kidney Transplant in IGMC, इंदिरा गांधी मेडिकल कालेज एवं अस्पताल (आइजीएमसी) शिमला में दो किडनी ट्रांसप्लांट के बाद तीसरे की तैयारी शुरू कर दी थी। पहले यह किडनी ट्रांसप्लांट दिसंबर में होना था, रेजिडेंट डाक्टरों की हड़ताल होने की वजह से किडनी ट्रांसप्लांट नहीं हो सका। इसके बाद डाक्टरों के विंटर वेकेशन हो जाने के बाद फिर से किडनी ट्रांसप्लांट नहीं हो पाएगा। अस्पताल प्रशासन ने एम्स दिल्ली के चिकित्सकों से समय मांगा था। अस्पताल प्रशासन का कहना है कि अस्पताल में रोजाना कोरोना के मामले बढ़ते जा रहे हैं। इसके कारण अस्पताल प्रशासन ने फैसला लिया है कि डाक्टरों की सर्दियों की छुट्टियां खत्म होने व कोरोना के मामले कम होने के बाद ही तीसरा किडनी ट्रांसप्लांट किया जाएगा।
राजधानी शिमला में आम लोगों के लिए यह सेवा शुरू करने के लिए अस्पताल प्रशासन ने एम्स दिल्ली के डाक्टरों के साथ मिल कर दो किडनी ट्रांसप्लांट किए हैं। पहले 10 ट्रांसप्लांट उनकी मदद से होंगे। इसके बाद आइजीएमसी के चिकित्सक खुद किडनी ट्रांसप्लांट कर सकेंगे।
तीसरे किडनी ट्रांसप्लांट के लिए एम्स के डाक्टरों से समय ले लिया गया था। आइजीएमसी के डाक्टर तीसरा ट्रांसप्लांट करने लिए पूरी तरह तैयार हो गए थे। पहले रेजिडेंट डाक्टर की हड़ताल होने से किडनी ट्रांसप्लांट नहीं हो पाया। इसके बाद छुट्टियां होने व अब कोरोना के मामले बढऩे से ट्रांसप्लांट करने में बाधा आ रही है। संक्रमण कम होने के बाद ही तीसरा किडनी ट्रांसप्लांट हो पाएगा।
-डा. सुरेंद्र सिंह, प्रिंसिपल आइजीएमसी शिमला।
आइजीएमसी के पास लगे कूड़े के ढेर
राजधानी शिमला के इंदिरा गांधी मेडिकल कालेज (आइजीएमसी) के पास फिर से कचरे के ढेर लग गए हैं। इससे यहां पर बीमारी फैलने का खतरा बना हुआ है। हालत यह है कि आइजीएमसी के पास सड़क किनारे खुले में कचरा फेंका जा रहा है। इसमें प्लास्टिक के थैलों में अस्पताल का कूड़ा-कचरा भी फेंका गया है। लोगों को नाक ढककर गुजरना पड़ रहा है।