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देश में हो सकता है दवाओं का संकट, महंगे दाम पर भी नहीं मिल रहा कच्चा माल, सप्ताह में तीन गुणा तक हुआ महंगा

Medicines Raw Material देशभर में दवाओं का संकट पैदा हो सकता है। महंगे दाम पर भी फार्मा उद्योगों को कच्चा माल यानी एक्टिव फार्मास्यूटिकल इनग्रेडिएंट (एपीआइ) नहीं मिल रहा है। एक सप्ताह में ही कुछ दवाओं का एपीआइ तीन गुणा तक महंगा हो गया है।

By Rajesh Kumar SharmaEdited By: Published: Sun, 24 Oct 2021 02:09 PM (IST)Updated: Sun, 24 Oct 2021 05:10 PM (IST)
देश में हो सकता है दवाओं का संकट, महंगे दाम पर भी नहीं मिल रहा कच्चा माल, सप्ताह में तीन गुणा तक हुआ महंगा
देशभर में दवाओं का संकट पैदा हो सकता है।

सोलन, भूपेंद्र ठाकुर। Medicines Raw Material, देशभर में दवाओं का संकट पैदा हो सकता है। महंगे दाम पर भी फार्मा उद्योगों को कच्चा माल यानी एक्टिव फार्मास्यूटिकल इनग्रेडिएंट (एपीआइ) नहीं मिल रहा है। एक सप्ताह में ही कुछ दवाओं का एपीआइ तीन गुणा तक महंगा हो गया है। करीब तीन माह से एपीआइ के दाम में लगातार बढ़ोतरी हो रही है। इस कारण हिमाचल प्रदेश के लघु फार्मा उद्योग संकट में आ गए हैैं। एंटीबायोटिक दवाओं में सबसे अधिक इस्तेमाल होने वाले सेफपोडोक्साइम का दाम नौ हजार से बढ़कर 16 हजार रुपये प्रतिकिलो तक पहुंच गया है। बुखार और दर्द निवारक दवाओं के एपीआइ एसिक्लोफेनाक का दाम भी करीब दो गुणा बढ़ गया है। ब्लड शूगर के मरीजों को दी जाने वाली दवा के एपीआइ मेटफार्मिन का रेट 190 से बढ़कर 550 रुपये प्रतिकिलो तक पहुंच गया है।

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अब हालात ऐसे हो गए हैैं कि अधिक दाम और अग्रिम भुगतान पर भी कई एपीआइ फार्मा उद्योगों को नहीं मिल रहा है। आपूर्ति हो भी रही है तो कई माह बाद। फार्मा सेक्टर में दवाओं का उत्पादन करने के लिए करीब 200 किस्म के एपीआइ का इस्तेमाल किया जाता है।  हिमाचल प्रदेश में करीब 600 फार्मा उद्योग हैं, इनमें 550 लघु उद्योग हैं। एपीआइ का दाम बढऩे का सबसे अधिक असर इन्हीं उद्योगों पर हो रहा है। देश में एपीआइ के महंगा होने का कारण चीन से आपूर्ति कम होना है। भारत में 90 फीसद एपीआइ की आपूर्ति चीन से ही होती है।

उत्पादन हो रहा प्रभावित : डा. राजेश गुप्ता

हिमाचल प्रदेश दवा उत्पादक संघ के अध्यक्ष डा. राजेश गुप्ता का कहना है कि लघु फार्मा उद्योगों की हालत बेहद नाजुक है। एपीआइ महंगा होने और आपूर्ति नहीं होने से उत्पादन काफी अधिक प्रभावित हो रहा है। उन्होंने केंद्र सरकार से मांग की है कि एपीआइ के बढ़ते दाम को नियंत्रित किया जाए। सरकार इसके लिए कोई नीति बनाए।

एक सप्ताह पहले व वर्तमान दाम (रुपये प्रतिकिलो)

  • एपीआइ, सप्ताह पहले, वर्तमान
  • पैरासिटामोल, 950, 1000
  • सेफेक्सीमाइन, 9000, 12000
  • सेफपोडोक्साइम, 9000, 16000
  • टरबुटालीन, 12500, 17500
  • एमोक्सिसिलिन, 1600, 3000
  • एसिक्लोफेनाक, 800, 1300
  • मेटफार्मिन, 190, 550
  • सिमेथिकोन, 75, 220
  • एसिक्लोफेनाक, 800, 1300

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