Move to Jagran APP

यहां गोरखनाथ के इंतजार में खौल रहा खिचड़ी पात्र

प्रवीण/करुणेश ज्वालामुखी यहां सदियों से अब भी खिचड़ी बनाने के लिए एक पात्र पानी से खौल रह

By JagranEdited By: Published: Thu, 14 Jan 2021 08:19 AM (IST)Updated: Thu, 14 Jan 2021 08:19 AM (IST)
यहां गोरखनाथ के इंतजार में खौल रहा खिचड़ी पात्र
यहां गोरखनाथ के इंतजार में खौल रहा खिचड़ी पात्र

प्रवीण/करुणेश, ज्वालामुखी

loksabha election banner

यहां सदियों से अब भी खिचड़ी बनाने के लिए एक पात्र पानी से खौल रहा है। देखने में तो यह उबलता हुआ पानी गर्म जरूर दिखता है पर जब इसे हाथ लगाएं तो किसी को कोई नुकसान नहीं होता है। इसे चमत्कार कहें या फिर दैवीय शक्ति लेकिन यह सत्यता ज्वालामुखी मंदिर परिसर में स्थित गोरख डिब्बी में है।

मकर संक्रांति पर खिचड़ी बनाने, दान करने व खाने का प्रचलन सदियों से चला आ रहा है। मां ज्वालामुखी मंदिर के साथ लगते गोरख डिब्बी मंदिर का खिचड़ी से जुड़ा प्रसंग भक्तों को आकर्षित करता है। इतिहास को कुरेदें तो पता चलता है कि ज्वालामुखी में गोरख डिब्बी का वह कुंड जहां सदियों से ठंडा पानी खौलता है वास्तव में वह मां ज्वालामुखी का खिचड़ी का पात्र है। इसमें मां ज्वालामुखी ने अपने भक्त गोरखनाथ के लिए खिचड़ी बनाने के लिए पानी गर्म किया था और यह वर्तमान में भी खौल रहा है।

................

यह है मान्यता

मान्यता है कि तपस्या से खुश होकर मां ने गोरखनाथ को शिष्यों समेत भोजन के लिए आमंत्रित किया था। गोरखनाथ की ओर से मना करने पर भी मां उन्हें मनाने में सफल हुई थीं। गोरखनाथ वैष्णव थे और ज्वालामुखी में बलि प्रथा से क्षुब्ध थे व इस कारण ही भोजन नहीं करना चाहते थे। गोरखनाथ ने मां ज्वालामुखी को इस शर्त पर भोजन के लिए हां की थी कि वह केवल खिचड़ी ही खाएंगे और इस पर मां ने हामी भर दी थी। मां ज्वालामुखी से गोरखनाथ यह कहकर चले गए थे कि आप पानी गर्म रखें और वह दान में दाल-चावल लाएंगे, लेकिन उसके बाद गोरखनाथ नहीं लौटे।

गोरखनाथ डिब्बी के मुख्य कोठारी योगी तीर्थ नाथ बताते हैं कि मां ज्वालामुखी ने गोरखनाथ को बुलाने के लिए अपने भक्त नागार्जुन और बाद में भीम को भी भेजा। भीम गुरु गोरखनाथ को ढूंढते हुए रोहिणी व ताप्ती नदियों के संगम पर जा पहुंचे जिसे आज गोरखपुर के नाम से जाना जाता है। तर्क दिया जाता है कि गोरख डिब्बी में मां के चमत्कार से खौलता पानी आज दिन तक ठंडा महसूस होता है। बड़ी बात यह है कि इस पानी में चावल पक जाते हैं।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.