चुनावी बजट में शामिल होगा पुलिस और आउटसोर्स कर्मियों का मामला
सरकार के चुनावी बजट में पुलिस और आउटसोर्स कर्मियों का मामला शामिल होगा। राज्य सचिवालय में शनिवार को मंत्रिमंडल की उपसमिति की बैठक में इस संबंध में फैसला लिया गया। मंत्री महेंद्र सिंह ठाकुर की अध्यक्षता वाली हुई बैठक में सुरेश भारद्वाज राकेश पठानिया व सुखराम चौधरी शामिल हुए।
शिमला, राज्य ब्यूरो। जयराम सरकार के चुनावी बजट में पुलिस और आउटसोर्स कर्मियों का मामला शामिल होगा। शिमला स्थित राज्य सचिवालय में शनिवार को मंत्रिमंडल की उपसमिति की बैठक में इस संबंध में फैसला लिया गया। मंत्री महेंद्र सिंह ठाकुर की अध्यक्षता वाली हुई बैठक में सुरेश भारद्वाज, राकेश पठानिया व सुखराम चौधरी शामिल हुए। बैठक में आउटसोर्स कर्मियों के मुद्दे के अतिरिक्त पुलिस जवानों के पे-बैंड, मल्टीटास्क कर्मचारियों की भर्ती मामले पर भी चर्चा हुई। करीब एक घंटा चली बैठक में कर्मचारियों से जुड़े अन्य विषयों पर भी चर्चा की। अब मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर की अध्यक्षता में होने वाली भाजपा विधायक दल की बैठक में कर्मचारियों से जुड़े इन मामलों पर मंथन होगा, ताकि बजट में शामिल किया जाए।
माना जा रहा कि बजट सत्र 20 फरवरी से शुरू हो सकता है। बजट सत्र से पहले सरकार कर्मचारी, किसान और अन्य सभी वर्गों के हितों के मद्देनजर चर्चा एवं निवारण सुनिश्चित करना चाहती है, ताकि बजट पेश होने के बाद किसी भी स्तर पर कोई नाराजगी न रहे। इसके लिए भाजपा विधायक और सरकार के सभी मंत्री सिलसिलेवार चर्चा करेंगे।
शांत होगा कर्मचारियों का गुस्सा
माना जा रहा है कि सरकार आंदोलनकारी कर्मचारियों को बजट में राहत देने की घोषणाएं करेगी, ताकि चुनावी वर्ष में उन्हें लुभाया जा सके।
इस वर्ष शिमला नगर निगम चुनाव भी
इस वर्ष शिमला नगर निगम चुनाव होने है। उसके बाद अक्टूबर में किसी भी समय विधानसभा चुनाव की घोषणा हो सकती है। ऐसे में भाजपा सरकार पिछले चुनावी नतीजों को भुलाकर पहले नगर निगम चुनाव जीतना चाहेगी।
मंत्री ने आउटसोर्स कर्मियों को दिया स्थायी नीति बनाने का आश्वासन
हिमाचल प्रदेश आउटसोर्स कर्मचारी महासंघ के एक प्रतिनिधिमंडल ने प्रदेशाध्यक्ष शैलेंद्र कुमार की अध्यक्षता में शनिवार को मंत्रिमंडल उप-समिति के अध्यक्ष एवं जल शक्ति मंत्री महेंद्र ङ्क्षसह ठाकुर से मुलाकात की। महेंद्र ने प्रतिनिधिमंडल को आश्वासन दिया कि उनके लिए स्थायी नीति बनाई जा रही है। सरकार उनकी पीड़ा को समझती है। उनके साथ हो रहे शोषण से परीचित है, इसलिए मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर के दिशा-निर्देशों के मद्देनजर मंत्रिमंडलीय उप-समिति का गठन किया गया। सभी सरकारी विभागों से वांछित जानकारी नहीं मिलने के कारण नीति निर्धारण में देरी हो रही है। ऐसे सार्वजनिक उपक्रमों को शीघ्र अतिशीघ्र जानकारी देने के लिए कहा गया है।
शैलेंद्र कुमार ने महेंद्र के साथ चर्चा को सार्थक बताया। आगामी बजट उनके लिए लिए अच्छी खबर लेकर आएगा। मंत्री ने उन्हें फिर बुलाया है। प्रतिनिधिमंडल में महासचिव अवधेश सरोच, उपाध्यक्ष पवन शर्मा, जिला शिमला कार्यकारिणी के अध्यक्ष सुशील भिकटा, संयुक्त सचिव अलोक राज, सलाहकार संजय शर्मा और अनुज भागटा भी शामिल थे।