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विवादों के बीच टीजीटी के 900 पद भरने की अधिसूचना जारी, जेबीटी के 1225 पद भी भरे जाएंगे

TGT Bharti विषय संयोजन (सब्जेक्ट कंबिनेशन) विवादों को लेकर घिरी टीजीटी शिक्षक भर्ती के बीच शिक्षा विभाग ने 900 पदों को भरने की मंजूरी दे दी है।

By Rajesh SharmaEdited By: Published: Sun, 23 Feb 2020 03:34 PM (IST)Updated: Sun, 23 Feb 2020 04:41 PM (IST)
विवादों के बीच टीजीटी के 900 पद भरने की अधिसूचना जारी, जेबीटी के 1225 पद भी भरे जाएंगे
विवादों के बीच टीजीटी के 900 पद भरने की अधिसूचना जारी, जेबीटी के 1225 पद भी भरे जाएंगे

धर्मशाला, जेएनएन। विषय संयोजन (सब्जेक्ट कंबिनेशन) विवादों को लेकर घिरी टीजीटी शिक्षक भर्ती के बीच शिक्षा विभाग ने 900 पदों को भरने की मंजूरी दे दी है। शिक्षा विभाग ने बीते कल ही जेबीटी के 1225 पद भरने काे भी मंजूरी प्रदान की है। अब शिक्षा विभाग शिक्षकों के कुल 2125 पदों को भरेगा। निदेशक प्रारंभिक शिक्षा रोहित जम्‍वाल की ओर से इस संबंध में आदेश जारी कर दिए गए हैं। आदेश के अनुसार 50 फीसद पद बैचवाइज आधार पर भरे जाएंगे, जबकि 50 फीसद पदों पर कमीशन के तहत नियुक्तियां होंगी। राज्य मंत्रिमंडल ने शिक्षा विभाग में कुल 3636 पदों को भरने की मंजूरी दी थी। इसी के अनुरूप शिक्षा विभाग ने जेबीटी, टीजीटी, भाषा अध्यापक और शास्त्री के पदों को भरने की अलग अलग अधिसूचनाएं जारी की हैं।

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विभाग ने इसके लिए आरक्षण रोस्टर तैयार करना शुरू कर दिया है। पहले से चल रही भर्ती में विषय संयोजन (सब्जेक्ट कंबिनेशन) को अभ्यार्थियों ने कोर्ट में चुनौती दी है। जिसके बाद भर्ती रुकी हुई है। वहीं एसएमसी शिक्षक भी सरकार से मांग कर रहे हैं कि उनके स्थान पर नियमित पद न भरे जाएं। शिक्षा विभाग ने इस पर कानूनी राय मांगी गई है। वहीं कोर्ट के आदेश का भी इंतजार किया जा रहा है। विभाग का कहना है कि भर्ती प्रक्रिया में 6 से 8 महीने का समय लग जाता है। तब तक इसको लेकर कानूनी राय भी आ जाएगी।

बेरोजगार संघ ने किया रेगुलर शिक्षक भर्ती का स्वागत

हिमाचल बेरोजगार संघ ने अस्थायी शिक्षकों के स्थान पर रेगुलर शिक्षक भर्ती करने के फैसले का स्वागत किया है। बेरोजगार संघ के प्रदेश अध्यक्ष कुलदीप मनकोटिया ने कहा कुछ शिक्षक संघ रेगुलर भर्ती का विरोध कर रहे हैं, यह खेद का विषय है। उन्होंने कहा एसएमसी शिक्षक अस्थायी तौर पर स्कूलों में रखे जाते हैं। संघ ने विरोध करने वालों से पूछा कि क्या रेगुलर भर्ती के बजाय एसएमसी के हवाले स्कूलों को छोड़ देना उचित है। रेगुलर भर्ती न कर उच्च न्यायलय और सर्वोच्च न्यायलय के आदेशों की अवहेलना नहीं होगा। उन्होंने कहा शिक्षकों के दूर दराज के क्षेत्रों में सेवाएं देने जाने से न नुकर करने से ही एसएमसी जैसी पॉलिसी का जन्म हुआ है। उन्होंने एसएमसी शिक्षकों की मांग को भी अनुचित ठहराया है।


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