तकनीकी शिक्षा विभाग के कर्मचारियों को कैबिनेट बैठक से आस, अनुबंध में आने की राह देख रहे हजारों
तकनीकी शिक्षा विभाग के कर्मचारियों को जयराम सरकार से 2 मई को होने वाली कैबिनेट मीटिंग से फिर से आस जगी है।
कांगड़ा, जेएनएन। कोरोना इमरजेंसी के बीच प्रदेश सरकार द्वारा की गई पिछली कैबिनेट मीटिंग में अनुबंध कर्मियों के लिए जहां खुशियां लेकर आईं थी। वहीं अनुबंध में आने की राह देख रहे हजारों तकनीकी शिक्षा विभाग में कार्यरत एसडब्ल्यूएफ, आईएमसी कर्मचारियों की आशा पर पानी फ़िर गया था। जिस कारण अब इन कर्मचारियों को जयराम सरकार से 2 मई को होने वाली कैबिनेट मीटिंग से फिर से आस जगी है।
पिछली कैबिनेट मीटिंग में हुए निर्णय में जयराम सरकार ने 30 मार्च 2020 तक अपना तीन साल अनुबंध का कार्यकाल पूरा कर चुके कर्मचारियों के साथ ही 30 सितंबर 2020 को तीन साल का अनुबंध काल पूरा करने वाले कर्मचारियों को भी नियमित करने का निर्णय लिया था। इसके साथ ही मंत्रिमंडल ने दैनिक वेतन भोगी, कंटीजेंट पेड एंप्लायज को भी नियमित करने का निर्णय लिया।
लेकिन फिक्स सैलरी पर कार्यरत तकनीकी शिक्षा विभाग में कार्यरत एसडब्ल्यूएफ/आईएमसी कर्मचारियों अनुबंध में आने से छूट गए। इनमें से कुछ ऐसे कर्मी भी हैं, जिन्होंने नवंबर 2019 पालिसी के रूल के अनुसार 9600 घंटे/7 साल का कार्यकाल पूरा कर चुके हैं।
तकनीकी शिक्षा विभाग में कार्यरत यह कर्मचारी कोरोना इमरजेंसी के कारण प्रदेश में चल रहे लाॅकडाउन में भी लगातार अपनी सेवाएं दे रहे हैं। इनमें कुछ चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी रोज ड्यूटी देने जा रहे हैं। वहीं, हजारों कर्मी घर से ही वाटसएप व यूट्यूब के माध्यम से आॅनलाइन स्टडी की अलख जगा रहे हैं।