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शिक्षक संघ की मांग: दिल्ली का शिक्षा मॉडल अपनाए हिमाचल, परीक्षा मूल्‍यांकन के बहिष्‍कार की चेतावनी

Teachers Association Demand हिमाचल प्रदेश राजकीय अध्यापक संघ ने प्रदेश सरकार से शिक्षा के बजट को 17 फीसद से बढ़ाकर 25 फीसद करने की मांग की है।

By Rajesh SharmaEdited By: Published: Sun, 01 Mar 2020 04:35 PM (IST)Updated: Sun, 01 Mar 2020 04:35 PM (IST)
शिक्षक संघ की मांग: दिल्ली का शिक्षा मॉडल अपनाए हिमाचल, परीक्षा मूल्‍यांकन के बहिष्‍कार की चेतावनी
शिक्षक संघ की मांग: दिल्ली का शिक्षा मॉडल अपनाए हिमाचल, परीक्षा मूल्‍यांकन के बहिष्‍कार की चेतावनी

शिमला, जेएनएन। हिमाचल प्रदेश राजकीय अध्यापक संघ ने प्रदेश सरकार से शिक्षा के बजट को 17 फीसद से बढ़ाकर 25 फीसद करने की मांग की है। संघ के प्रदेश अध्यक्ष वीरेंद्र चौहान वरिष्ठ उपाध्यक्ष कुलदीप अत्री, रमन कुमार और चुन्नी लाल वर्मा ने कहा कि बजट के लिए राज्य सरकार को 15 सुझाव दिए गए हैं। मुख्यमंत्री और शिक्षा मंत्री से मांग की है कि इन सुझावों को बजट में शामिल किया जाए। शिमला में आयोजित प्रेस वार्ता को संबोधित करते हुए वीरेंद्र चौहान ने कहा कि शिक्षा की गुणवत्ता के लिए सरकार दिल्ली के शिक्षा मॉडल को अपनाए। शिक्षकों के लिए विभाग जो ट्रेनिंग करवाता है वह फर्जी है। इसमें ऐसे शिक्षकों को ट्रेनिंग के लिए लगाया जाता है जो खुद ही 10वीं पास है।

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उन्होंने कहा एनजीओ से प्रशिक्षण दिलवाने के बजाय राज्य के शिक्षकों को विदेश या दूसरे राज्यों में प्रशिक्षण के लिए भेजा जाए। संघ ने कहा कि राज्य सरकार ने वर्ष 2018-19 में शिक्षा के लिए 7044 करोड़ और 2019-20 में 7098 करोड़ का प्रावधान किया गया था। यह कुल बजट का करीब 17 फीसद था। जबकि दिल्ली सरकार शिक्षा पर 27 फीसद बजट खर्च कर रही है। उन्होंने कहा कि दिल्ली का विधानसभा चुनाव शिक्षा के मुद्दे पर ही हुआ है। उन्होंने सरकार से दिल्ली के शिक्षा मॉडल को प्रदेश में अपनाने की मांग उठाई है।

बोर्ड को चेतावनी, स्वंभू नेताओं से ही करवा लें पेपर चेक

संघ के अध्यक्ष वीरेंद्र चौहान ने कहा कि वर्ष 2014 में बोर्ड ने शिक्षकों को आश्वासन दिया था कि हर तीन साल बाद मूल्यांकन का पैसा बढ़ाया जाएगा। अब खुद इस की अवहेलना की जा रही है। उन्होंने कहा कि स्वंभू नेता बोर्ड के साथ होने की बात कह रहे हैं। यदि बोर्ड राजकीय अध्यापक संघ को वार्ता के लिए नहीं बुलाता तो पेपर मूल्यांकन का बहिष्कार होगा। इसको लेकर जल्द ही संघ के पदाधिकारियों की बैठक बुलाई जाएगी जिसमें इस पर निणर्य लिया जाएगा।

ये रखी मांगें

  • खंड स्तर पर 5 आदर्श स्कूल खोले जाएं।
  • कक्षा 1-12वीं तक स्मार्ट क्लास बनाए जाएं।
  • शिक्षकों के लिए दिवस मनाने और कार्यशालाओं का कम आयोजन हो।
  • ओल्ड पेंशन स्कीम को बहाल करने पर विधानसभा में चर्चा हो।
  • केंद्र की तर्ज पर संशोधित वेतनमान का लाभ दिया जाए।
  • अनुबंध कार्यकाल को 3 साल से कम कर 2 साल किया जाए।
  • एसएमसी व कंप्यूटर शिक्षकों के लिए स्थाई नीति बनाए।
  • तबादले के लिए कानून शिक्षकों के बजाए सभी कर्मचारियों के लिए बने।
  • हर स्कूल में डाटा एंट्री ऑप्रेटर का पद सृजित हो।
  • पीटीए, पैट पैरा शिक्षकों को नियमित के बराबर वेतन दिया जाए।

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