जयराम सरकार वित्तीय लाभ न देकर कर्मचारियों के साथ कर रही घोर अन्याय: सुरेंद्र मनकोटिया
जसवां परागपुर कांग्रेस पार्टी के अध्यक्ष एवं पूर्व उपाध्यक्ष कर्मचारी कल्याण बोर्ड ठाकुर सुरेंद्र सिंह मनकोटिया ने जयराम सरकार पर आरोप लगाया है कि जिला परिषद कैडर के कर्मचारियों को उनके वित्तीय लाभ न देकर उनके साथ घोर अन्याय कर रही है।
डाडासीबा, संवाद सूत्र। जसवां परागपुर कांग्रेस पार्टी के अध्यक्ष एवं पूर्व उपाध्यक्ष कर्मचारी कल्याण बोर्ड ठाकुर सुरेंद्र सिंह मनकोटिया ने जयराम सरकार पर आरोप लगाया है कि जिला परिषद कैडर के कर्मचारियों को उनके वित्तीय लाभ न देकर उनके साथ घोर अन्याय कर रही है। नए वेतनमान का लाभ सभी कर्मचारियों को 2016 से किया जाना है, लेकिन सरकार ने जो अधिसूचना जारी की है उसके मुताबिक जिला परिषद कर्मचारियों को पिछली तिथि यानी पहली जनवरी 2016 से यह लाभ नहीं मिलेगा। इन कर्मचारियों को सितंबर 2022 के बाद से ही छठे वेतन आयोग का लाभ देकर सरकार इन कर्मचारियों के साथ भेदभाव कर रही है।
उन्होंने कहा कि कर्मचारी किसी भी सरकार की रीड की हड्डी होते हैं और हिमाचल के विकास में इनकी बहुत अहम भूमिका रही है और सारे विकास के कार्य तो जिला परिषद व ब्लाक के कर्मचारी ही कर रहे हैं। सरकार इनसे हर तरह का कार्य ले रही है, इसके बावजूद यह सरकार इनको अपने कर्मचारी मानने को तैयार नहीं है। कर्मचारी पहले अपने आप को सरकारी विभाग में समायोजित करने की मांग को लेकर हड़ताल कर चुके हैं। तब सरकार ने इनकी मांगों को मानने का आश्वासन दिया था। सरकार के आश्वासन के बाद ही इन सभी कर्मचारियों ने अपने-अपने ब्लाक परिसर में की गई, हड़ताल को खत्म किया था। लेकिन आज तक इसके लिए कुछ नहीं किया। कर्मचारियों के साथ धोखा किया गया।
कर्मचारियों के आंदोलन के दबाव में आकर सरकार ने इनके लिए छठे वेतन आयोग की सिफारिशें लागू करने की घोषणा तो की थी पर अधिसूचना कुछ और ही कर दी। अब जो अधिसूचना जारी की है उसमें इन कर्मचारियों को सितंबर 2022 से ही नए वेतनमान का लाभ देने की बात की गई है कायदे से इन कर्मचारियों को एक जनवरी 2016 से इसका लाभ दिया जाना चाहिए था जोकि उनको सरकार दे नहीं रही है। उन्होंने कहा कि सरकार इन कर्मचारियों को उनके हकों से वंचित करना चाह रही है और कांग्रेस पार्टी यह होने नहीं देगी। जिला परिषद के कर्मचारियों से किए गए धोखे का खामियाजा सरकार को आने वाले चुनावो़ं में भुगतना पड़ेगा।