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surgical strike 2: शहीद तिलकराज के परिजनों ने मोबाइल फोन पर देखा कैसे हुई एयर स्ट्राइक

surgical strike 2 शहीद तिलकराज की पत्नी सावित्री देवी ने कहा सेना ने पाकिस्तान को एयर स्ट्राइक में रूप में जवाब देकर सराहनीय कदम उठाया है

By BabitaEdited By: Published: Wed, 27 Feb 2019 10:12 AM (IST)Updated: Wed, 27 Feb 2019 10:12 AM (IST)
surgical strike 2: शहीद तिलकराज के परिजनों ने मोबाइल फोन पर देखा कैसे हुई एयर स्ट्राइक
surgical strike 2: शहीद तिलकराज के परिजनों ने मोबाइल फोन पर देखा कैसे हुई एयर स्ट्राइक

धेवा (जवाली), जेएनएन। surgical strike 2 पुलवामा आतंकी हमले में शहीद हुए तिलक राज के पैतृक गांव धेवा में पिछले 13-14 दिन से माहौल मौन रहा। मंगलवार दोपहर बाद करीब 4.15 बजे शहीद के घर के आंगन में चारपाई पर उनका बड़ा भाई बलदेव सोया था और माता बिमला देवी, गांव की कुछ महिलाएं और तिलक राज के ताया-चाचा भी चुपचाप बैठे थे। आंगन में आठ से नौ लोग होने के बावजूद माहौल पूरी तरह से शांत था। ऐसे लग रहा था कि मानो घर में कोई नहीं है।

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आंगन के दूसरे कोने में बैठे दो अन्य भाई मोबाइल फोन की हल्की आवाज में कुछ देख रहे थे। पास जाकर देखा तो पता लगा कि वे मोबाइल फोन पर पाकिस्तान के खिलाफ एयर स्ट्राइक के बारे में देख रहे थे। इस बीच खेतों से काम कर झुके कंधों के लौटे शहीद के पिता लायक राम भी बेंच में चुपचाप बैठ गए। एयर स्ट्राइक के बारे में बात हुई तो शहीद की माता बोल उठी सरकार ने बहुत अच्छा किया है। हमारे बच्चे भी शहीद हुए हैं उनके भी ऐसे ही मरेंगे।

शहीद की पत्नी बोली, सिखाया सबक 

घर के बीच वाले कमरे में बैठी शहीद की पत्नी सावित्री देवी देसी पालने (डल्ल) में एक माह के बेटे विवान को देख रही थी। हिम्मत जुटाकर पूछा तो शहीद की पत्नी कहती है कि सेना ने बहुत अच्छा किया है। सेना ने पाकिस्तान को एयर स्ट्राइक में रूप में जवाब देकर सराहनीय कदम उठाया है और स्ट्राइक इसी तरह भविष्य में भी जारी रहनी चाहिए। उनका कहना था कि भविष्य में आतंकी और पाकिस्तान ऐसे हमले करने से पूर्व सौ बार सोचें। सावित्री देवी अपने तीन साल के बड़े बेटे वरुण को सहलाने लगी। पिता की शहादत के दर्द से बेखबर वरुण उठकर घर के बाहर खड़ी कार में बैठ गया और पिता के गाए गाने ‘प्यारी मोनिका’ गुनगुना रहा था। 

तिलक राज ने रखा था छोटे बेटे का नाम 

शहीद तिलक राज 11 फरवरी को ही छुट्टियां काटकर ड्यूटी के लिए गए थे। ड्यूटी पर जाने से पूर्व ही उन्होंने छोटे बेटे विवान का नामकरण किया था। भाग्य की विडंबना है कि जिस पिता ने विवान का नामकरण किया, वहीं बेटा कभी पिता का चेहरा नहीं देखा पाएगा।


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