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बस एक 'सुपर फूड' चॉकलेट खाओ और लंच भूल जाओ, कीमत मात्र 40 रुपये; जानिए खूबियां

हिमालय जैवसंपदा प्रौद्योगिकी संस्थान पालमपुर द्वारा ज्वार बाजरा रागी मक्की भूरे चावल शहद स्टीविया व गुड़ से तैयार इस चॉकलेट को खाने के बाद आपको चार घंटे तक भूख नहीं लगेगी।

By Rajesh SharmaEdited By: Published: Thu, 12 Dec 2019 01:15 PM (IST)Updated: Thu, 12 Dec 2019 04:12 PM (IST)
बस एक 'सुपर फूड' चॉकलेट खाओ और लंच भूल जाओ, कीमत मात्र 40 रुपये; जानिए खूबियां
बस एक 'सुपर फूड' चॉकलेट खाओ और लंच भूल जाओ, कीमत मात्र 40 रुपये; जानिए खूबियां

पालमपुर, शारदाआनंद गौतम। जी हां, हिमालय जैवसंपदा प्रौद्योगिकी संस्थान पालमपुर द्वारा ज्वार, बाजरा, रागी, मक्की, भूरे चावल, शहद, स्टीविया व गुड़ से तैयार इस चॉकलेट को खाने के बाद आपको चार घंटे तक भूख नहीं लगेगी। कीमत है 40 रुपये। खनिज तत्वों और प्रोटीन से भरपूर इस एक चॉकलेट को खाने से आप दोपहर का भोजन न भी करें तो चलेगा। इतना ही नहीं यह चॉकलेट आपकी शुगर की मात्रा को नियंत्रित करेगी और कुपोषण को भी दूर करने में सहायक होगी। कांगड़ा, हिमाचल प्रदेश के पालमपुर स्थित हिमालय जैवसंपदा प्रौद्योगिकी संस्थान के विज्ञानियों ने भारत के परंपरागत अनाजों की खूबी और शक्ति को इसका आधार बनाया है।

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संस्थान का कहना है कि बच्चों में कुपोषण की समस्या को दूर करना इसका ध्येय है। बच्चों को दवा और विटामिन की बजाए यह चॉकलेट देने से उनका स्वास्थ्य संवरेगा। कुछ फर्मों ने संस्थान से इस चॉकलेट के व्यावसायिक उत्पादन के लिए करार किया है।

यह है खूबी

करीब चालीस ग्राम की इस चॉकलेट में एक गिलास दूध के बराबर प्रोटीन है। साथ ही दो रोटी और दाल की एक कटोरी के बराबर कैलोरी, तीन से चार ग्राम फाइबर की मात्रा इसमें है।

कुपोषण के शिकार बच्चों में प्रोटीन की कमी यह चॉकलेट पूरा करेगी। सुबह चॉकलेट खाने से आपको लंच की जरूरत नहीं रहेगी। संस्थान ने मिल्ट्स एंड ओट्स बार चॉकलेट की तकनीक 2018 में तैयार की थी। दिल्ली की फर्म से समझौता पत्र हस्तांतरण के बाद इसे बाजार में उतारा है। चॉकलेट में खनिज और प्रोटीन की भरपूर मात्रा है। -डॉक्टर संजय कुमार, निदेशक, हिमालय जैवसंपदा प्रौद्योगिकी संस्थान, पालमपुर।

स्वास्थ्य के लिहाज से यह चॉकलेट काफी महत्वपूर्ण है। इसमें प्रयोग किए गए अनाज को सुपर फूड कहा जाता है। रागी में कैल्शियम प्रचुर मात्रा में होता है। इन खाद्यान्नों में फाइबर की प्रचुरता होती है, जो पाचन के लिए उपयुक्त है। पौष्टिक होने के कारण वजन भी नहीं बढ़ता है। -डॉ. अनुराग विजयवर्गीय, आयुर्वेद विशेषज्ञ


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