जहरीली शराब: माफिया 100 से 150 रुपये प्रति बोतल सस्ती बेचता था चंडीगढ़ से लाई गई शराब, एक साल से चल रहा खेल
Sundernagar Liquor Mafia मंडी पुलिस व आबकारी विभाग अगर सजग होता तो चार घरों के चिराग असमय नहीं बुझते। लोग शिकायत पर शिकायत करते रहे और पुलिस उस पर पर्दा डालती रही। एक साल से बड़े पैमाने पर चंडीगढ़ से शराब लाकर चोरी छिपे बेची जा रही थी।
मंडी, हंसराज सैनी। Sundernagar Liquor Mafia, मंडी पुलिस व आबकारी विभाग अगर सजग होता तो चार घरों के चिराग असमय नहीं बुझते। लोग शिकायत पर शिकायत करते रहे और पुलिस उस पर पर्दा डालती रही। सुंदरनगर हलके के कांगू, डैहर व सलापड़ क्षेत्र मेें करीब एक साल से बड़े पैमाने पर चंडीगढ़ से अवैध तरीके से शराब लाकर चोरी छिपे बेची जा रही थी। पुलिस चौकी सलापड़ व डैहर के अधिकारी व कर्मचारी इस बात से भलीभांति अवगत थे, लेकिन किसी ने गंभीरता से कार्रवाई करने की हिम्मत नहीं जुटाई। हिम्मत करते भी आखिर कैसे, शराब माफिया से मिलीभगत जो थी। दूसरा शराब माफिया को राजनीतिक संरक्षण था।
बताया जा रहा है कि क्षेत्र के कई पंचायत प्रतिनिधियों के रिश्तेदार अवैध शराब की तस्करी में संलिप्त हैं। क्षेत्र के लोगों के पास बड़ी संख्या में ट्रक व टैक्सियां हैं। चंडीगढ़ से ट्रक, टैक्सी व लग्जरी बसों में चोरी छिपे शराब की खेप सलापड़ पहुंच रही थी। कभी ऐसे वाहनों की बैरियर पर जांच तक नहीं हुई। अवैध शराब का कारोबार फलने फूलने से करोड़ों रुपये खर्च कर ठेके लेने वाले ठेकेदारोें का कारोबार भी क्षेत्र में पूरी तरह से चौपट हो गया था। ठेकेदार अगर शिकायत करते थे तो पुलिस आंखों में धूल झोंकने के लिए एक दो लोगों से शराब पकड़ चैन की नींद हो जाती थी।
ठेके के मुकाबले माफिया लोगों को चंडीगढ़ से लाई गई शराब की बोतल 100 से 150 रुपये सस्ती देता था। सस्ती शराब के चक्कर में चारों लोगों को अपनी जान से हाथ धोना पड़ गया। सातों लोगों ने शराब अपने अपने घर में पी थी। बताया जा रहा सभी ने शराब एक ही जगह से खरीदी थी। पुलिस अब माफिया के नेटवर्क को खंगालने में जुट गई है व जल्द ही बड़ी कार्रवाई होने वाली है। इस कार्रवाई की चोट चंडीगढ़ तक भी रहेगी, क्याेंकि शराब वहीं से सप्लाई हो रही थी।