केंद्रीय विश्वविद्यालय के स्थायी कैंपस निर्माण की मांग पर धर्मशाला में जुटे सैकड़ों विद्यार्थी
Students Protest at Dharamshala केंद्रीय विश्वविद्यालय का स्थायी भवन न बनाने के विरोध में बुधवार को सैकड़ों विद्यार्थी जिला मुख्यालय में सरकार के खिलाफ एकजुट हुए।
धर्मशाला, जेएनएन। केंद्रीय विश्वविद्यालय का स्थायी भवन न बनाने के विरोध में बुधवार को सैकड़ों विद्यार्थी जिला मुख्यालय में सरकार के खिलाफ एकजुट हुए। 11 साल से हिमाचल प्रदेश केंद्रीय विश्वविद्यालय का स्थायी कैंपस नहीं बन पाया है। बुधवार को अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के चलो धर्मशाला आंदोलन में जिला कांगड़ा के सैकड़ों कार्यकर्ता उमड़े।
एबीवीपी ने सीयू कैंपस धर्मशाला से कचहरी अडडा तक रैली निकाली, वहीं सरकार को चेताया कि यदि सीयू के स्थायी कैंपस निर्माण की ओर कदम नहीं उठाए गए तो चलो धर्मशाला की तर्ज पर एबीवीपी चलो शिमला और चलो दिल्ली आंदोलन छेडऩे से भी पीछे नहीं हटेगी।
इस दौरान विद्यार्थी परिषद शोध कार्य प्रमुख डॉ. नवनीत के नेतृत्व में कार्यकर्ताओं ने केंद्र सरकार और प्रदेश सरकार के खिलाफ नारेबाजी की। एबीवीपी के प्रांत मंत्री राहुल राणा ने कहा कि सीयू के स्टूडेंटस मूलभूत सुविधाओं के अभाव में पढऩे को मजबूर हैं। शिलान्यास के नाम पर स्टूडेंटस को गुमराह करने का प्रयास किया जा रहा है। इसके विरोध में एबीवीपी आंदोलनरत है। सीयू के स्थायी कैंपस को लेकर आज चलो धर्मशाला आंदोलन शुरू किया गया है। सरकार ने अतिशीघ्र इस ओर कदम न उठाए तो अांदोलन उग्र किया जाएगा।
हिमाचल प्रदेश केंद्रीय विश्वविद्यालय की 2009 से कक्षाएं चल रही हैं। लेकिन उधार के भवन में ही काम चलाया जा रहा है, इस कारण विद्यार्थियों को मूलभूत सुविधाएं नहीं मिल पा रही हैं। मौजूदा समय में केंद्रीय विश्वविद्यालय तीन कैंपस शाहपुर, देहरा और धर्मशाला में कक्षाएं चल रही हैं।
शिमला में एसएफआइ ने किया प्रदर्शन
एसएफआई शिमला शहरी इकाई के आवाह्न पर शिमला के संजौली, कोटशेरा, आरकेएमवी और सांध्यकालीन महाविद्यालय में छात्र-छात्राओं को हो रही समस्याओं को लेकर सभी कॉलेज में धरना प्रदर्शन किया। इस धरना प्रदर्शन करने का मकसद पिछले कुछ समय से कॉलेज प्रशासन द्वारा छात्रों की मांगों को अनदेखा किया जा रहा है। एसएफआई शिमला शहरी सचिव हैप्पी ठाकुर ने कहा कि आज छात्रों को कैंपस में अनेक दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। लेकिन स्थिति यह है कि प्रशासन छात्रों की सुध लेने को भी तैयार नही है न ही महाविद्यालय में अप्रत्यक्ष रूप से चयनित की गई एससीए छात्रों की सुध लेती हैं ऐसी स्थिति के बाद भी प्रशासन मूक दर्शक बनके देखता रहता हैं। ऐसे मे प्रत्यक्ष रूप से चुनाव करवाये जाएं ताकि छात्रों को उनका लोकतांत्रिक अधिकार मिल सके।