स्नातक और स्नातकोत्तर के साथ यह कोर्स करने से नौकरी मिलने में नहीं होगी परेशानी, उद्योगों में होगा पंजीकरण
Special Coaching स्नातक और स्नातकोत्तर में नियमित कोर्स करने के बाद युवाओं को नौकरी मिलने की परेशानी नहीं सताएगी। उन्हें उद्योगों की जरूरत के अनुसार प्रशिक्षित किया जाएगा।
शिमला, अनिल ठाकुर। स्नातक और स्नातकोत्तर में नियमित कोर्स करने के बाद युवाओं को नौकरी मिलने की परेशानी नहीं सताएगी। उन्हें उद्योगों की जरूरत के अनुसार प्रशिक्षित किया जाएगा। युवाओं को आत्मनिर्भर बनाने के लिए शिक्षा विभाग की राज्य परियोजना निगरानी एवं नई पहल इकाई (एसपीएमयू) ने कवायद शुरू कर दी है। एसपीएमयू इसे लेकर यूके बेस्ड एमई पियरसन कंपनी के साथ मिलकर काम करेगी। कंपनी के साथ समझौता ज्ञापन जल्द साइन किया जाएगा। कंपनी प्रदेश के युवाओं को कम्युनिकेशन, डाटा एनालिसिस और टैली व फाइनेंसियल मैटर में प्रशिक्षण देगी।
कोविड-19 के खतरे को देखते हुए इस साल वर्चुअल ट्रेनिंग ही होंगी। ऑनलाइन ही इसके बारे में बताया जाएगा। उन्हें सर्टिफिकेट भी दिए जाएंगे। जिन विद्यार्थियों ने यह सर्टिफिकेट कोर्स किया होगा, उनका कंपनियों में रजिस्ट्रेशन किया जाएगा। इसके बाद नौकरी भी दिलवाई जाएगी। कोर्स की कोई फीस नहीं चुकानी होगी। कॉरपोरेट सामाजिक सहभागिता (सीएसआर) एक्टिविटी के तहत कंपनियां इस फीस को वहन करेंगी।
इस साल पांच हजार विद्यार्थियों को किया जाएगा प्रशिक्षित
एसपीएमयू इस साल पांच हजार विद्यार्थियों को प्रशिक्षित करेगी। इसके लिए ऑनलाइन पंजीकरण शुरू कर दिया गया है। विद्यार्थियों को खुद पंजीकरण करवाना होगा। अभी तक 520 विद्यार्थियों का पंजीकरण हो चुका है। अगले साल से कॉलेज और विश्वविद्यालय के कैंपस में ही प्रशिक्षण करवाने का प्रावधान है। इस प्रशिक्षण में औद्योगिक क्षेत्र के प्रतिनिधियों को भी बुलाया जाएगा।
उद्योगों की मांग पर शुरू हुई पहल
हिमाचल के अधिकतर विद्यार्थियों में डिग्री पूरी करने के बाद निजी कंपनियों में नौकरी के लिए सबसे बड़ी दिक्कत कम्युनिकेशन स्किल व बेसिक नॉलेज की कमी सामने आती है। युवाओं के पास डिग्री है लेकिन वे अंग्रेजी में अच्छे से बात नहीं कर पाते हैं, फाइनेंसियल मैटर की समझ नहीं है, ड्रॉफ्टिंग कैसे करनी है ये चीजें नहीं आती हैं। देश व प्रदेश में स्थापित कंपनियों के पदाधिकारियों ने विभाग के समक्ष इस मामले को उठाया था जिसके बाद विभाग ने इस पर काम करना शुरू किया। उद्योगों की जरूरत के हिसाब से ही प्रशिक्षण करवाया जाएगा।
नहीं देनी होगी कोई फीस : निदेशक
पढ़ाई के साथ विद्यार्थी ये कोर्स कर सकते हैं। इसके लिए उन्हें कोई फीस देने की जरूरत नहीं होगी। बेसिक नॉलेज होने के बाद उन्हें अच्छे पैकेज पर नौकरी मिल सके, इस दिशा में प्रयास किया जा रहा है। -शक्तिभूषण, राज्य परियोजना निदेशक, राज्य परियोजना निगरानी एवं नई पहल (शिक्षा विभाग)।