karwa chauth: 76 साल बाद बन रहा है यह विशेष योग, जानिए कब निकलेगा आपके शहर में चांद
karwa chauth करीब 76 साल बाद इस वर्ष करवाचौथ का शुभ योग बना है। ये योग सफल दांपत्य जीवन के लिए लाभदायक होता है।
ऊना, जेएनएन। करीब 76 साल बाद इस वर्ष करवाचौथ का शुभ योग बना है। ये योग सफल दांपत्य जीवन के लिए लाभदायक होता है। 1943 के बाद इस वर्ष बने संयोग में कार्तिक मास कृष्ण पक्ष की चतुर्थी पर करवा चौथ के व्रत का शुभ मुहूर्त रहेगा, दोपहर 3:56 के बाद रोहिणी नक्षत्र का शुभारंभ होगा। सन 1943 को कार्तिक मास की चतुर्थी तिथि संक्रांति एवं रोहिणी नक्षत्र का शुभ योग इस वर्ष भी बन रहा है। रोहिणी नक्षत्र का स्वामी चंद्रमा है और चंद्रमा मन का देवता है, इस नक्षत्र में किया हुआ व्रत आपसी प्रेम को बढ़ाता है।
भगवान कृष्ण का जन्म नक्षत्र भी रोहिणी नक्षत्र है, यह नक्षत्र आकर्षण शक्ति प्रदान करता है। इस वर्ष नवविवाहित के लिए उद्यापन करने का समय उचित है। उद्यापन का शुभ समय शाम 5:30 बजे से 7:00 बजे के मध्य उचित है। इस पर्व पर सारे दिन निर्जल रहकर व्रत का पालन किया जाता है। चंद्रोदय के उपरांत चंद्रमा के दर्शन करके व्रत का पारायण किया जाता है। उनके लिए जिनके पति घर से दूर हैं अथवा सीमा की रक्षा के लिए गए हुए हैं उनकी पत्नियां पति का दर्शन करने के लिए आज के युग में जो तकनीकी है उसका इस्तेमाल करके अथवा वीडियो कॉल करकेपति का मुख् मंडल देख व्रत का पारायण कर सकती हैं।
इस में चंद्रोदय का समय विभिन्न स्थानों के लिए इस प्रकार से है। पंडित जयदेव तिवारी के मुताबिक ऊना, कुल्लू व जवाली में रात 8:18 बजे, पालमपुर, सरकाघाट, सुजानपुर, नाहन 8:16 बजे, रोहड़ू 8:12 बजे, मंडी, शिमला व सुंदरनगर में 8:15 बजे, रोहड़ू और रामपुर बुशहर में 8:12 बजे, हमीरपुर 8:17 बजे चंद्रोदय का समय है।