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हाई कोर्ट में उठाया जाएगा प्रिया की मौत का मामला : संजय

सरकार की लापरवाही के कारण कीडनी की बीमारी से ग्रस्त नगरोटा सूरियां के प्रिया की मौत का मामला उच्च न्यायायल में उठाया जाएगा, क्योंकि गरीब परिवार से संबंध रखने वाले बेटी की आर्थिक सहायता के लिए इस्टीमेट बनकर पूर्व सरकार के पास भी पहुंच गया था और पत्र भी लिखा गया है जो गायब हो गया।

By JagranEdited By: Published: Sun, 23 Sep 2018 09:43 PM (IST)Updated: Sun, 23 Sep 2018 09:43 PM (IST)
हाई कोर्ट में उठाया जाएगा प्रिया की मौत का मामला : संजय
हाई कोर्ट में उठाया जाएगा प्रिया की मौत का मामला : संजय

जागरण संवाददाता, धर्मशाला : सरकार की लापरवाही के कारण किडनी की बीमारी से ग्रसित नगरोटा सूरियां की प्रिया की मौत का मामला उच्च न्यायालय में उठाया जाएगा, क्योंकि गरीब परिवार से संबंध रखने वाले बेटी की आर्थिक सहायता के लिए एस्टीमेट बनकर पूर्व सरकार के पास भी पहुंच गया था। पत्र भी लिखा गया था जो गायब हो गया।

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समाजसेवी संजय शर्मा ने रविवार को धर्मशाला में पत्रकारों से बातचीत में कहा कि प्रिया की मृत्यु 15 सितंबर को किडनी की बीमारी से हो चुकी है। कई बार आवेदन करने के बावजूद उसके परिवार को इलाज के लिए सरकारी सहायता नहीं मिल पाई। प्रिया 2003 से किडनी रोग से पीड़ित थी। कई साल तक परिजन उसका उपचार अपने स्तर पर करवाते रहे। बीमारी ठीक न होने पर 2016 में उसे पीजीआइ ले जाया गया, जहां उसके इलाज का खर्च दो लाख रुपये बताया और मुख्यमंत्री राहत कोष से सहायता के लिए एस्टीमेट बनाया गया।

जवाली के पूर्व विधायक नीरज भारती ने 15 अगस्त, 2016 को एक कार्यक्रम में सीएम राहत कोष से प्रिया के इलाज के लिए दो लाख रुपये देने का एलान किया था। इसके बाद सरकार बदली तो नए विधायक अर्जुन ¨सह ने भी इसके इलाज के लिए पीजीआइ के नए एस्टीमेट के मुताबिक पौने तीन लाख देने की घोषणा 20 मार्च, 2018 को की। बावजूद इसके प्रिया के उपचार के लिए पैसे नहीं मिल पाए। नीरज भारती ने 15 सितंबर को काल का ग्रास बनी प्रिया की मौत के बाद यह बयान दिया था कि उन्होंने सीएम को यह आग्रह पत्र भेजा था। इसके बाद यह कहां गुम हुआ इसका कोई पता नहीं है।

संजय शर्मा ने उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश को लिखे पत्र में आग्रह किया है कि पूर्व विधायक द्वारा लिखा गया आग्रह पत्र कहां गायब हुआ, इसकी जांच करवाई जाए। उन्होंने पत्र में आरोप लगाए हैं कि प्रिया की मौत प्राकृतिक नहीं थी। इसकी मृत्यु की जिम्मेदार प्रशासनिक व्यवस्था और इसमें मौजूद लोग हैं। बच्ची की मां अपनी किडनी देने को तैयार थी। उन्होंने आरोप लगाया कि लचर व्यवस्था की वजह से उसकी हत्या हुई है। इसके चलते उन्होंने इस मामले की जांच करवाने की मांग उठाई है।


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