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स्पीति घाटी के काजा में स्नो लैपर्ड ने मचाया कोहराम, वन विभाग ने टीम ने जाल बिछाकर पकड़ा

जनजातीय जिला लाहुल स्पीति के काजा मंडल में स्नो लैपर्ड ने 43 भेड़ों को अपना शिकार बना लिया।

By Rajesh SharmaEdited By: Published: Sat, 02 May 2020 10:02 PM (IST)Updated: Sat, 02 May 2020 10:02 PM (IST)
स्पीति घाटी के काजा में स्नो लैपर्ड ने मचाया कोहराम, वन विभाग ने टीम ने जाल बिछाकर पकड़ा
स्पीति घाटी के काजा में स्नो लैपर्ड ने मचाया कोहराम, वन विभाग ने टीम ने जाल बिछाकर पकड़ा

केलंग, जागरण संवाददाता। जनजातीय जिला लाहुल स्पीति के काजा मंडल में स्नो लैपर्ड ने 43 भेड़ों को अपना शिकार बना लिया। खूंखार तेंदुए के आतंक से स्पीति वासी सहम उठे। 28 अप्रैल से 1 मई तक बर्फीले तेंदुए ने गिहु गांव में 43 भेड़ों को अपना शिकार बना दिया है। घटना की जानकारी मिलते ही वन्य विभाग हरकत में आया और बर्फीले तेंदुए को पकड़ने के लिए जाल बिछा दिया। शनिवार सुबह 6 बजे वन्य विभग की टीम ने स्नो लैपर्ड को पकड़ने में सफल हुई। वन विभाग ने ग्रामीणों को प्रति भेड़ तीन हजार राहत राशि आवंटित कर दी है।

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गौर हो कि स्पीति घाटी में लुप्त हो रही यह दुर्लभ प्रजाति स्नो लैपर्ड फल फूल रही है। ग्रामीण भी पिछले कुछ सालों से स्नो लैपर्ड के साथ दोस्त जैसा व्यवहार कर रहे हैं। चीन सीमा के साथ सट्टे इस इलाके में स्नो लैपर्ड सभी का प्रिय जानवर बना हुआ है। लेकिन दोस्त जैसा व्यवहार करने वाले स्नो लैपर्ड के खूंखार हो जाने से स्पीति वासी परेशान हो उठे है। सुखद

यह है कि स्पीति घाटी में स्नो लैपर्ड को भोजन के तौर पर आइबेक्स, गोराल सहित अनेकों बर्फीले जंगली जानवर मौजूद हैं। साथ ही स्पीति के लोगों ने इस जानवर के शिकार पर शिकारी को गांव से बाहर करने का जुर्माना रखा है। यही कारण है कि यह दुर्लभ प्रजाति स्पीति घाटी में फल-फूल रही है। डीएफओ हरदेव नेगी ने बताया बर्फीले तेंदुए को पकड़कर शिमला के टूटी कंडी रेस्क्यू सेंटर में भेज दिया है।


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