न नौकरी की चिंता, न वेतन की, बस बच्चों तक समय पर पहुंचने चाहिएं नोट्स, पढ़ें डोडराक्वार के हालात
SMC Teachers राज्य के सरकारी स्कूलों में शिक्षकों की कमी को दूर करने के लिए सरकार ने अस्थायी तौर पर एसएमसी शिक्षकों को तैनात किया है। नियमित शिक्षक आने के बाद इनकी सेवाएं समाप्त हो जाती हैं। समय पर वेतन भी इन्हें नहीं मिलता।
शिमला, अनिल ठाकुर। SMC Teachers, राज्य के सरकारी स्कूलों में शिक्षकों की कमी को दूर करने के लिए सरकार ने अस्थायी तौर पर एसएमसी शिक्षकों को तैनात किया है। नियमित शिक्षक आने के बाद इनकी सेवाएं समाप्त हो जाती हैं। समय पर वेतन भी इन्हें नहीं मिलता। इन सब चीजों की टेंशन को छोड़ ये शिक्षक पूरी शिद्दत से बच्चों को पढ़ाने में जुटे हुए हैं। कोरोना काल में इसका ताजा उदाहरण शिमला जिला के शिक्षा खंड डोडराक्वार में देखने को मिल रहा है। डोडराक्वार में 22 के करीब स्कूल हैं। पिछड़ा क्षेत्र होने के कारण यहां पर नियमित तौर पर शिक्षकों की तैनाती होती है, लेकिन कुछ ही समय बाद शिक्षक अपना तबादला करवा देते हैं।
यहां पर 25 के करीब एसएमसी शिक्षक कार्यरत है। पूरे शिक्षा खंड में मोबाइल नेटवर्क की दिक्कत है। ऑनलाइन कक्षाएं ही नहीं लग पाती। एसएमसी शिक्षक बच्चों को घर जाकर नोटस मुहैया करवा रहे हैं। बच्चों को स्टडी मैटिरियल दिया जाता है। होमवर्क भी शिक्षक घर जाकर चैक करते हैं। अभिभावकों से बात की जाती है। बच्चों को क्या समझ नहीं आ रहा है। उनसे पूछा जाता है कि बच्चा किस विषय में कमजोर है। अभिभावकों से फीडबैक लेने के बाद बच्चें को उसी हिसाब से पढ़ाया जाता है।
हालांकि नियमित शिक्षक भी इस काम में लगे हुए हैं। लेकिन अस्थायी शिक्षक जिनकी नौकरी कल को रहेगी, समय पर वेतन आएगा या नहीं उन्होंने बच्चों को पढ़ाने की निरंतरता नहीं तोड़ी है। राज्य के सरकारी स्कूलों में 2655 एसएमसी शिक्षक कार्यरत है। इनमें सबसे ज्यादा सिरमौर जिला में 500 शिक्षक है, शिमला जिला में 400 हैं। जबकि मंडी में 200 के करीब शिक्षक कार्यरत हैं।
ये हैं हालत
डोडरा क्वार में मोबाइल नेटवर्क की दिक्कत है। स्कूल शिक्षकों को ई-मेल के जरिए जो निर्देश दिए जाते हैं। निर्देशों की जानकारी देखने के लिए शिक्षकों को एसडीएम कार्यालय आना पड़ता हैं। यहां ई-मेल चेक से मिले विभाग के निर्देशों को विद्यार्थियों तक पहुंचाते हैं।
जिला में ये है स्कूलों की संख्या
शिमला जिला में कुल 2333 स्कूल हैं। इनमें 1602 प्राइमरी पाठशाला, 326 माध्यमिक पाठशाला, 124 उच्च पाठशाला और 281 वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला शामिल है।
शिक्षक कर रहे बेहतर कार्य: निदेशक
निदेशक उच्चतर शिक्षा डॉ. अमरजीत शर्मा ने कहा कि हर घर पाठशाला कार्यक्रम के तहत शिक्षक बेहतर तरीके से बच्चों को पढ़ा रहे हैं। एसएमसी शिक्षकों की भूमिका भी सराहनीय है। शिक्षकों को निर्देश दिए गए हैं कि जहां पर नेटवर्क की दिक्कत है वहां घर जाकर नोटस मुहैया करवाएं।