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हिमाचल के इस अस्‍पताल में इलेक्‍ट्रो कौट्री मशीन के जरिये मुफ्त होगा चेहरे से कील- मुंहासे निकालने का इलाज

Himachal Govt Hospital रिपन अस्‍पताल में दो साल बाद स्किन ओपीडी शुरू हो गई है। ओपीडी शुरू होने के बाद मरीजों को खासी राहत मिल रही है। खास बात यह है कि ओपीडी में अब कील मुंहासे और चेहरे पर दाने आने की समस्या का इलाज निशुल्क करवाया जाएगा।

By Rajesh Kumar SharmaEdited By: Published: Tue, 26 Oct 2021 06:46 AM (IST)Updated: Tue, 26 Oct 2021 08:39 AM (IST)
हिमाचल के इस अस्‍पताल में इलेक्‍ट्रो कौट्री मशीन के जरिये मुफ्त होगा चेहरे से कील- मुंहासे निकालने का इलाज
रिपन अस्‍पताल में दो साल बाद स्किन ओपीडी शुरू हो गई है।

शिमला, जागरण संवाददाता। रिपन अस्‍पताल में दो साल बाद स्किन ओपीडी शुरू हो गई है। ओपीडी शुरू होने के बाद मरीजों को खासी राहत मिल रही है। खास बात यह है कि ओपीडी में अब कील मुंहासे और चेहरे पर दाने आने की समस्या का इलाज निशुल्क करवाया जाएगा। अस्पताल में स्थापित इलेक्ट्रो कौट्री मशीन के जरिये मरीजों के चेहरे से दाग धब्बे और दाने हटाए जाएंगे। यह मशीन मरीज के चेहरे से अनचाहे दाने पूरी तरह हटा देगी। स्किन संबंधी रोगों का ट्रीटमेंट करवाने के लिए मरीजों को प्राइवेट क्लीनिक व अस्पतालों के चक्कर नहीं काटने पड़ेंगे।

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बताया जा रहा है कि यह मशीन अस्पताल में पहले से स्थापित की गई थी। लेकिन डाक्टर की तैनाती न होने के कारण मशीन धूल फांक रही थी। अब स्किन ओपीडी में दो साल बाद डाक्टर की तैनाती होने के बाद मशीन को दोबारा शुरू किया जा रहा है। आमतौर पर एलर्जी के मरीज चेहरे पर महंगी क्रीम और प्रोडक्ट इस्तेमाल करते हैं मगर उन्हें उसका काफी फायदा नहीं होता। ऐसा करने से लोगों को कई बार निराशा झेलनी पड़ती है। लेकिन इस मशीन से ना तो चेहरा खराब होगा और ना ही इसे साफ करवाने के लिए मरीज को किसी प्रकार की फीस देनी पड़ेगी।

रिपन अस्पताल के एमएस डाक्‍टर रविंद्र मोकटा का कहना है कि चेहरे पर कील मुंहासे या एलर्जी से होने वाले दानों को साफ करने के लिए मशीन शुरू की गई है। इससे मरीजों का निशुल्क इलाज किया जाएगा, जबकि निजी क्लीनिक में मरीजों को काफी पैसे खर्च करने पड़ते हैं। स्किन ओपीडी शुरू होने के बाद मरीजों को राहत मिलने लगी है। रोजाना दर्जनों मरीज इलाज के लिए पहुंच रहे हैं। वहीं स्किन ओपीडी शुरू न होने से पहले मरीजों को आइजीएमसी या निजी अस्पताल के चक्कर काटने पड़ते थे।

निजी अस्पतालों में स्किन का इलाज महंगा

निजी अस्पतालों या क्लीनिक में मुंहासे व चेहरे पर दाने की समस्या स्थायी निदान पाने के लिए मरीजों को हजारों रुपये खर्च करने पड़ते हैं। इस मशीन से चेहरे को साफ करवाने के लिए मरीजों को 5 से 50 हजार तक का भुगतान करना पड़ता है। निजी अस्पतालों में स्किन का इलाज महंगा होता है, जबकि रिपन अस्पताल में स्किन डाक्टर के आने के बाद मरीजों को काफी फायदा मिलेगा और मरीजों के तीमारदारों पर आर्थिक बोझ नहीं पड़ेगा।

मौसम बदलाव के साथ होती है स्किन की बीमारियां

मौसम बदलाव के साथ ही स्किन से संबंधित कई तरह की बीमारियां पनपती है। इसमें सबसे ज्यादा स्किन एलर्जी की समस्या रहती है। बरसात के मौसम के बाद सूखी ठंड पड़ने से स्किन में ड्राइनेस बढ़ जाती है। आयली व ड्राई त्वचा होने के कारण लोगों को समय-समय पर तरह तरह के स्किन रोग परेशान करते हैं।


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