एसजेवीएनएल ने हासिल की 1000 मेगावाट की सौर विद्युत परियोजना
एसजेवीएनएल (सतलुज जल विद्युत निगम लिमिटेड) ने भारतीय अक्षय ऊर्जा विकास संस्था लिमिटेड (इरेडा) की ओर से जारी रिक्वेस्ट फार प्रपोजल (आरएफपी) के माध्यम से 1000 मेगावाट की ग्रिड कनेक्टिड सोलर पीवी विद्युत परियोजना हासिल की है। परियोजनाओं के निर्माण एवं विकास में लगभग 5500 करोड़ की लागत संभावित है।
शिमला, राज्य ब्यूरो। एसजेवीएनएल (सतलुज जल विद्युत निगम लिमिटेड) ने भारतीय अक्षय ऊर्जा विकास संस्था लिमिटेड (इरेडा) की ओर से जारी रिक्वेस्ट फार प्रपोजल (आरएफपी) के माध्यम से 1000 मेगावाट की ग्रिड कनेक्टिड सोलर पीवी विद्युत परियोजना हासिल की है। एसजेवीएनएल के अध्यक्ष व प्रबंध निदेशक नंद लाल शर्मा ने बताया कि कंपनी ने खुली प्रतिस्पर्धा बोली प्रक्रिया के माध्यम से 1000 मेगावाट की कोटेड क्षमता के लिए 2.45 रुपये प्रति यूनिट के अधिकतम टैरिफ पर परियोजना हासिल की है।
एसजेवीएनएल ने भारत सरकार की ओर से 44.72 लाख रुपये प्रति मेगावाट की बायबिलिटी गैप फंङ्क्षडग (वीजीएफ) के आधार पर 1000 मेगावाट क्षमता की परियोजनाएं हासिल की हैं। इनसे उत्पादित विद्युत पूर्ण रूप से स्व उपयोग या सरकार व सरकारी संस्थाओं द्वारा प्रत्यक्ष अथवा डिस्काम के माध्यम से उपयोग की जाएंगी। एसजेवीएनएल ने इरेडा की ओर से वीजीएफ पर आधारित 5000 मेगावाट क्षमता की सोलर परियोजनाओं के लिए जारी की गई प्रतिस्पर्धी बोली प्रकिया में भाग लिया था। इन परियोजनाओं के निर्माण एवं विकास में लगभग 5500 करोड़ की लागत संभावित है। परियोजनाओं से प्रथम वर्ष में 2365 मिलियन यूनिट विद्युत उत्पादन की संभावना है और 25 वर्ष की अवधि में परियोजनाओं से लगभग 55062 मिलियन यूनिट संजयी विद्युत उत्पादन होगा।
नंदलाल शर्मा ने बताया कि वर्तमान में एसजेवीएनएल की कुल स्थापित क्षमता 2016.5 मेगावाट है, जिसमें 1912 मेगावाट के दो जलविद्युत संयंत्र और 104.05 मेगावाट के चार नवीकरणीय विद्युत संयंत्र (6.9 मेगावाट के दो सौर संयंत्र व 97.6 मेगावाट के दो पवन संयंत्र) शामिल हैं। इससे पहले एसजेवीएनएल ने गुजरात, उत्तर प्रदेश तथा बिहार में कुल 345 मेगावाट की तीन सौर परियोजनाएं हासिल की हैं। इन सभी सोलर परियोजनाओं को भी खुली प्रतिस्पर्धी बोली के माध्यम से हासिल किया गया है। इस आवंटन के साथ एसजेवीएनएल के पास अब 1345 मेगावाट की सोलर परियोजनाएं निष्पादनाधीन हैं। इन सभी सोलर परियोजनाओं को मार्च 2023-24 तक कमीशन किया जाना निर्धारित है जो एसजेवीएनएल की नवीकरणीय क्षमता के लिए एक बड़ी छलांग होगी। गत वर्ष सितंबर में संयुक्त राष्ट्र जलवायु परिवर्तन एक्शन शिखर सम्मेलन में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने वर्ष 2022 तक 175 गीगावाट के नवीकरणीय ऊर्जा लक्ष्य को बढ़ाकर वर्ष 2030 तक 450 गीगावाट करने की घोषणा की थी। एसजेवीएनएल ने 2023 तक 5000 मेगावाट, 2030 तक 12000 मेगावाट व 2040 तक 25000 मेगावाट क्षमतागत वृद्धि का अपना साझा विजन निर्धारित किया है।