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Diwali Puja 2020: धनतेरस, दीवाली पर लक्ष्मी पूजा अौर भैयादूज का कब है शुभ मुहूर्त, जानिए

Diwali Puja Muhurat दीयों का पर्व दीवाली इस बार 14 नवंबर को मनाया जाएगा। दीवाली के दिन माता लक्ष्मी और भगवान गणेश की पूजा से घर में शांति तरक्की और समृद्धि का वरदान प्राप्त होता है। धनतेरस पूजा का मुहूर्त शाम को 528 से 559 बजे तक है।

By Rajesh SharmaEdited By: Published: Wed, 11 Nov 2020 01:56 PM (IST)Updated: Wed, 11 Nov 2020 01:56 PM (IST)
Diwali Puja 2020: धनतेरस, दीवाली पर लक्ष्मी पूजा अौर भैयादूज का कब है शुभ मुहूर्त, जानिए
धनतेरस, दीवाली पर लक्ष्मी पूजा अौर भैयादूज का शुभ मुहूर्त।

धर्मशाला, जेएनएन। दीयों का पर्व दीवाली इस बार 14 नवंबर को मनाया जाएगा। दीवाली के दिन माता लक्ष्मी और भगवान गणेश की पूजा से घर में शांति, तरक्की और समृद्धि का वरदान प्राप्त होता है। जवाली के ज्योतिषी पंडित विपन शर्मा ने बताया 12 नवंबर को दीवाली का पहला दिन गोवत्स द्वादशी से शुरू होता है। दीवाली का त्योहार कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की द्वादशी तिथि को पड़ने वाली गोवत्स द्वादशी से प्रारंभ होता है। दूसरा दिन  धनतेरस होता है, इसे धनत्रयोदशी के नाम से जाना जाता है। हिंदी पंचांग के अनुसार, धनतेरस कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि को होती है। इस साल धनतेरस 13 नवंबर को है। 13 नवंबर को धनतेरस पूजा का मुहूर्त शाम को 5:28 से 5:59 बजे तक है। इस दिन यम दीपम भी होता है। यमराज के लिए घर के बाहर पक दीपक जलाया जाता है। धनतेरस पूजा का मुहूर्त शाम को 5:28 से 5:59 बजे तक है।

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लक्ष्मी पूजन मुहूर्त शाम 5:40 रात 8:15 बजे तक

तीसरा दिन नरक चतुर्दशी के रूप में मनाया जाता है। कार्तिक मास की चतुर्दशी तिथि का प्रारंभ 13 नवंबर को शाम 5:59 बजे से हो रहा है, जो 14 नवंबर को दोपहर 2:17 बजे तक है। चौथा दिन दीवाली के रूप में मनाया जाता है। 14 नवंबर को लक्ष्मी पूजन किया जाएगा। शाम 5:40 बजे से रात 8:15 बजे तक मुहूर्त सबसे उत्तम है। इस शुभ मुहूर्त के समय लक्ष्मी और गणेश पूजा की जा सकती है।

दीवाली के दिन भगवान श्रीराम राम 14 वर्ष बाद लंका पर विजय पाकर अयोध्या लौटे थे। इस दिन अयोध्या वासियों ने श्रीराम के वापस आने की खुशी में पूरी नगरी को दीपों से सजाया था। इस शुभ दिन के अवसर पर हर साल दीवाली मनाई जाती है। दीवाली की शुरुआत धनतेरस के दिन से हो जाती है।

दीवाली से अगले दिन गोवर्धन पूजा या अन्नकूट होता है। यह कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि को होता है। इस वर्ष कार्तिक शुक्ल प्रतिपदा का प्रारंभ 15 नवंबर को सुबह 10:36 बजे हो रहा है, जो कि 16 नवंबर को सुबह 7: 06 बजे तक है। गोवर्द्धन पूजा 15 नवंबर को है। गोवर्धन पूजा का मुहूर्त दोपहर में 3:19 से शाम 5.27 बजे तक है।

इस तरह करें मां लक्ष्मी व गणेश की पूजा

लक्ष्मी पूजन का शुभ मुहूर्त सायं काल से प्रारंभ हो जाता है। लकड़ी की नई चौकी, सिंहासन पर लाल रंग का नया बस्त्र बिछाकर श्री लक्ष्मी व श्री गणेश की मूर्ति रखनी चाहिए। इसके बाद माता लक्ष्मी, भगवान गणेश के दाहिनी ओर होनी चाहिएं। माता लक्ष्मी और भगवान गणेश की मूर्तियों के सामने चावल के दानों के ऊपर कलश में जल भरकर अक्षत, दूर्वा, सुपारी, रत्न व चांदी का सिक्का रखना होगा। फिर कलश पर सिंदूर या रोली से स्वास्तिक बनाना चाहिए। कलश के ऊपर चावल से भरा हुआ पात्र रखकर उसके ऊपर नारियल को लाल वस्त्र शस्त्र से लपेटे हुए नारियल के ऊपर या 11 बार लपेट कर रखना चाहिए। इसके पश्चात चावल, धूप, पुष्प, अर्पित करने के पश्चात अखंड दीप प्रज्वलित करके पूजन करें। परिवार के सभी सदस्यों को एक साथ बैठकर पूजा में भाग लेना चाहिए।

भैयादूज का शुभ समय 1:10 से 3:18 बजे तक

भैयादूज दीवाली का पांचवा दिन होता है, जो कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की द्वितीया तिथि को होता है, इसे यम द्वितीया भी कहा जाता है। इस वर्ष कार्तिक द्वितीया तिथि का प्रारंभ 16 नवंबर को सुबह 7:06 बजे से शुक्ल 17 नवंबर को सुबह 3:56 बजे तक है। ऐसे में इस साल भैया दूज 16 नवंबर को है। भैयादूज का मुहूर्त दोपहर 1:10 से 3:18 बजे तक है।


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