भगवान श्रीकृष्ण के भजनों पर झूमे श्रद्धालु
व्यापारिक कस्बा जसूर के श्री अष्ट भुजा दुर्गा माता मंदिर में चल रही श्रीमद भागवत ज्ञानयज्ञ के चतुर्थ दिवस पर मंदिर परिसर में श्री कृष्ण जन्मोत्सव बहुत ही धूम धाम से मनाया गया। दिव्य ज्योति जागृति संस्थान की ओर से कथा व्यास
संवाद सहयोगी, जसूर : जसूर के श्री अष्ट भुजा दुर्गा माता मंदिर में श्रीमद्भागवत कथा के चौथे दिन भगवान श्रीकृष्ण जन्मोत्सव मनाया गया। दिव्य ज्योति जागृति संस्थान की ओर से कथा व्यास स्वामी विज्ञानानंद ने कहा कि धरा, धेनू और संतों की पुकार सुनते हुए समय-समय पर प्रभु अवतरित होकर जीवात्माओं का कल्याण करते हैं, जब जब धर्म की हानि होती है और अधर्म का विस्तार होता है तब तब सच्चिदानंद भगवान निराकार से साकार होकर इस धरा पर अवतरित होते हैं।
द्वापर युग में भी भगवान श्रीकृष्ण का अवतरण भारत भूमि पर तब हुआ जब अधर्मी कंस के अत्याचार चरम सीमा पर थे और मानवता कंस के अत्याचारों से त्रसित थी। श्री कृष्ण जन्म प्रसंग की रहस्यात्मक विवेचना करते हुए उन्होंने कहा कि मानव तन भी गोकुल है। जब गुरु की कृपा से हम कृष्ण का दर्शन अपने अंतर घट में करते हैं तो कृष्ण जन्म की लीला हमारे भीतर साकार हो उठती है लेकिन उस साकार रूप का दर्शन करने के लिए जीवात्मा को सतगुरु की शरणागत होना होगा। इस अवसर पर स्वामी हरिदासानन्द, महात्मा अश्वनी, स्वामी मेघानंद व जसपाल ने भजन गाकर भक्तों को नाचने पर मजबूर कर दिया। बाल गोपाल की झांकी से मंदिर परिसर गोकुल नगरी में परिवर्तित हो गया। इस अवसर पर मंदिर महंत पंडित हंसराज शर्मा, उर्मिला कुमारी, स्वरूप शर्मा, मालविका पठानिया, गोविद पठानिया, बिट्टा बंसल, राजेंद्र चौहान, विवेक शर्मा, सुरेश शर्मा व अन्य मौजूद रहे।