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Shardiya Navratri: ...जब अकबर और अंग्रेजों ने किया था मां ज्‍वालाजी की पवित्र ज्‍योतियां बुझाने का प्रयास, चकनाचूर हो गया था घमंड

Shardiya Navratri 2022 Jwalaji Mata Mandir शारदीय नवरात्र शुरू हो गए हैं। हिमाचल प्रदेश के पांचों शक्तिपीठों में श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ आई है। इन शक्तिपीठों में मां ज्वालाजी मंदिर खास है। मां की ज्‍योतियों में कुछ तो बात है जो यहां बड़े बड़ों का अहंकार टूटा।

By Rajesh Kumar SharmaEdited By: Published: Mon, 26 Sep 2022 06:19 AM (IST)Updated: Mon, 26 Sep 2022 07:43 AM (IST)
Shardiya Navratri: ...जब अकबर और अंग्रेजों ने किया था मां ज्‍वालाजी की पवित्र ज्‍योतियां बुझाने का प्रयास, चकनाचूर हो गया था घमंड
ज्‍वालाजी माता मंदिर का सुंदर भवन व पवित्र जयोतियां।

ज्वालामुखी, जागरण टीम। Shardiya Navratri 2022, Jwalaji Mata Mandir, मां ज्वालाजी मंदिर व इसके इतिहास से कई बातें जुड़ी हैं। मुगल अकबर ने मां की पवित्र ज्योतियों को बुझाने के लिए अपनी सेना से कई किलोमीटर लंबी नहर खुदवा दी थी। लेकिन वह कामयाब नहीं हो पाया था। मुगल सेना ने माता के कई चमत्कार बादशाह अकबर को बताए थे। मुगल बादशाह अकबर ने सोने का छत्र मां के दरबार में चढ़ाया था, लेकिन उसे घमंड था कि जितना बड़ा छत्र वह चढ़ा रहा उतना सोना किसी ने नहीं चढ़ाया होगा। माता का ही चमत्कार था कि यह ऐसी धातु का बन गया है, जिसका आज तक पता ही नहीं चला है कि यह किस धातु का है। मां की पवित्र ज्योतियों को बुझाने के लिए अंग्रेजों ने भी कोशिश की। लेकिन सफल नहीं हो सके।

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ऐसे स्थापित हुआ मंदिर

माता ज्वालाजी देवी के 51 शक्तिपीठों में से एक है। ऐसी मान्यता है कि यहां भगवान विष्णु के चक्र से कटकर माता सती की जि‍ह्वा गिरी थी। यहां की ज्वाला, माता की जीभ को दर्शाती है। ज्वाला देवी मंदिर में सदियों से प्राकृतिक रूप से नौ ज्वालाएं जल रही हैं। मान्यता है कि शिव के ससुर राजा दक्ष ने यज्ञ का आयोजन किया। जिसमें उन्होंने शिव और सती को आमंत्रित नहीं किया, क्योंकि वह शिव को अपने बराबर का नहीं समझते थे। फिर भी सती बिना बुलाए यज्ञ में पहुंच गई। यज्ञ स्थल पर शिव का काफी अपमान किया गया। जिसे सती सहन न कर सकी और वह हवन कुंड में कूद गईं।

नवरात्र में पहुंचेंगे लाखों श्रद्धालु

शक्तिपीठ श्री ज्वालामुखी में आज से शारदीय नवरात्र शुरू हो गए हैं। चार अक्टूबर तक चलने वाले नवरात्रों में देश भर से आने वाले लाखों श्रद्धालुओं की सुविधाओं व सुरक्षा को लेकर प्रशासन ने इंतज़ाम किए हैं। मंदिर प्रशासन सुरक्षा के लहजे से मंदिर परिसर व ज्वालामुखी नगर की ड्रोन से निगरानी करेगा। नगर में बाहर से आने वाले श्रद्धालुओं की पुख्ता जानकारी के लिए छह अतिरिक्त सीसीटीवी कैमरे पुलिस नाका पर लगाए हैं।

अंतिम तीन नवरात्र में 24 घंटे खुला रहेगा मंदिर

शुरुआती नवरात्र में मंदिर के कपाट पांच बजे से दर्शनों के लिए खोल दिए जाएंगे। मंदिर के बंद होने का समय श्रद्धालुओं की भीड़ पर निर्भर करेगा। भीड़ की स्थिति में अंतिम तीन नवरात्र में मंदिर 24 घंटे खुला रहेगा। नवरात्र में नगर में धारा 144 लागू रहेगी।


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