शांता कुमार बोले, थीम डैम समझौते से हुआ था हिमाचल को लाभ; आज मिल रही करोड़ों की रॉयल्टी
जो कार्य हिमाचल में कांग्रेस सरकार के दौरान नहीं हो सका था उसे केंद्र में कांग्रेस सरकार होने के बावजूद भाजपा के वरिष्ठ नेता शांता कुमार ने कर दिखाया था।
पालमपुर, जेएनएन। जो कार्य हिमाचल में कांग्रेस सरकार के दौरान नहीं हो सका था उसे केंद्र में कांग्रेस सरकार होने के बावजूद भाजपा के वरिष्ठ नेता शांता कुमार ने कर दिखाया था। इसी का परिणाम है कि प्रदेश को लाखों करोड़ की वित्तीय मदद हर वर्ष बिजली प्रोजेक्टों से मिलती है। हिमाचल प्रदेश को बिजली में किस प्रकार से हिस्सेदारी मिली, इसकी जानकारी सोशल मीडिया में शांता कुमार ने शनिवार को विस्तृत तौर पर रखी। किस प्रकार से तत्कालीन प्रधानमंत्री मोरारजी देसाई से मिले, पंजाब और हरियाणा के मुख्यमंत्रियों के साथ बैठक में हिमाचल का पक्ष रखा था।
शुरुआती दिक्कतों से जूझते हुए केंद्र को मनाना और आखिर में हिमाचल को उसका हक दिलवाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाना। दूरदर्शी सोच और कार्यो के चलते जो निर्णय हुए उसका लाभ अब प्रदेश को करोड़ों की वित्तीय सहायता के तौर पर मिल रहा है। इतना ही नहीं, बीते दो दिन में जो फोटो सोशल मीडिया में प्रमुखता से रखे थे उसके बारे में बताया कि वह किस प्रकार से ऐतिहासिक थे। इनमें से एक हिमाचल भारतीय जनता पार्टी की एतिहासिक अधिकार यात्र का चित्र है।
शांता लिखते हैं कि वह 1977 में मुख्यमंत्री बने। सीधा जेल से आए थे और युवा थे। प्रदेश में बहुत कुछ अतिशीघ्र कर लेने का जुनून था। साधन कम थे। साधन जुटाने के लिए ही रॉयल्टी लेने की बात सोची थी। उसी प्रकार एक विषय ध्यान में आया। 1966 में लोकसभा ने पंजाब पुनर्गठन कानून बनाया। पंजाब का बंटवारा हुआ। हम कांगड़ावासी पंजाब से कटकर हिमाचल का भाग बने। उस कानून द्वारा हिमाचल प्रदेश को साङो पंजाब की संपत्ति में से जो हिस्सा मिलना चाहिए था वह मिला नहीं था। प्रधानमंत्री मोरारजी देसाई के समक्ष बात रखी कि 11 वर्ष प्रदेश के गठन को हो गए लेकिन जो हक था वह नहीं मिला। बाद में थीम डैम समझौता हुआ और उससे हिमाचल को करोड़ों का लाभ हुआ था।
अच्छे संबंधों से मिली थी सफलता
बादल साहब, असीं ता तुहाड़े छोटे पराह, मेरा कांगड़ा तां पंजाब दा हिस्सा सी। तूसीं साड़ी थोड़ी मदद करो तां हिमाचल नूं हुणो ही कुछ मिल सकदा है। बातचीत हुई हिमाचल प्रदेश को 15 मेगावाट बिजली अस्थायी रूप से देने का निर्णय हो गया। इसके लिए प्रकाश सिंह बादल का हमेशा धन्यवाद करता रहा हूं। इतना बड़ा निर्णय इस प्रकार मनाना असंभव था। मेरा सौभाग्य है कि मेरे समय में जनता पार्टी के मोराजी देसाई और कांग्रेस के नरसिम्हा राव से अच्छे संबंध रहे थे। इसी कारण प्रदेश को सभी बिजली योजनाओं में 12 प्रतिशत मुफ्त बिजली की रॉयल्टी प्राप्त की।
और मोरारजी देसाई ने खिलाए थे काजू
शांता जी लिखते हैं कि मोरारजी देसाई के साथ संस्मरण याद आ गया। वे कार्यालय में सब कुछ समय पर और नियम से करते थे। सभी मिलने वालों को न चाय पूछते थे और न ही पिलाते थे। उनकी मेज पर बादाम-काजू रखे तो होते थे परन्तु शायद कभी कोई खाता नहीं था। एक बार वह और हरियाणा के डॉ. मंगल सैन प्रधानमंत्री को मिलने गए। प्रधानमंत्री के साथ किसी विषय पर हमारी बात चल रही थी। देसाई कुछ सोचने लगे और डॉ. मंगल सामने पड़े काजू को देखकर बोले प्रधानमंत्री जी यह सब देखने के लिए ही है या खाने के लिए भी। इस पर देसाई हंसे और उन्होंने हमें काजू दिए।